सुरजीत मान जलईया सिंह की नई रचना ” प्रधान ”

April 14, 2021
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पीठ पीछे जानता है क्या क्या कहते लोग हैं? सामने आता नहीं है कोई भी रघुराज

अवशेष मानवतावादी का गीत – फिर भी ईश्वर के होने का होता है अहसास

November 17, 2019
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ना तो कोई भी सबूत है ना गवाह है पास। फिर ईश्वर भी के होने का

शिव कुमार ‘दीपक’ की बाल रचना

July 28, 2018
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झूला लेकर आया सावन । हरियाली ले वर्षा आयी । बच्चों ने ली मन अंगड़ाई ।।

अकबर सिंह अकेला की एक कविता –

July 27, 2018
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वर्षा झमझम हो रही, मौसम भी परवान। हवा निराली चल रही, पंछी गाउत गान।। दिन में

यशोधरा यादव ‘यशो’का एक नवगीत

July 15, 2018
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लेखनी कुछ गीत लिख दुःखित जन को प्रीति लिख . कामनाओं की लता जब पुष्प से

कु० राखी सिंह शब्दिता की गजल

July 3, 2018
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ग़ज़ल तुमको भी मुहब्बत है बता क्यूं नहीं देते । रस्मों को वफ़ाओं की निभा क्यूं

शिव कुमार ‘दीपक’ की कुंडलियां

June 30, 2018
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पानी की महिमा बड़ी , पानी जग का सार । समझो वह बेकार है , जो

‘आह का अनुवाद’ गीतकार – इन्द्रपाल सिंह “इन्द्र”

June 30, 2018
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——आह का अनुवाद—– अश्रु की गंगा नयन से पीर ने जब-जब उतारी, याद आती है तुम्हारी….याद

मंदसौर घटना पर एक ज्वलन्त कविता अवशेष मानवतावादी द्वारा

June 30, 2018
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मंदसौर घटना पर एक ज्वलन्त कविता …………………………………………… मंदसौर की घटना ने फिर से जनमानस हिला दिया।

यशोधरा यादव ‘यशो’ का नव गीत “सम्बोधनों के मौन”

June 28, 2018
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हो गये हैं शब्द क्यों सम्बोधनों के मौन . खींचता नैराश्य जग में जिन्दगी को कौन.