आज चॉकलेट डे पर प्रसिद्द कवि विष्णु सक्सेना की कविता
बुझ न पाए वो प्यास मत देना,
कोई लम्हा उदास मत देना,
घोल दे ज़िंदगी मे कड़वाहट-
ऐसी मुझको मिठास मत देना।
द्वार जब दिल के खोल देती...
प्रपोज डे पर कवि विष्णु सक्सेना की एक रचना
अश्क आंखों से आज बहने दो,
अपना हर दर्द मुझको सहने दो,
उम्र भर तुमसे जो न कह पाया
आज वो बात मुझको कहने...
कार के करिश्मे: काका हाथरसी
रोजाना हम बंबा पर ही घूमा करते
उस दिन पहुँचे नहर किनारे
वहाँ मिल गए बर्मन बाबू
बाँह गले में डाल कर लिया दिल पर काबू
कहने लगे-
क्यों...
कवि डॉ. नितिन मिश्रा मेंडू, रोड हाथरस
http://youtu.be/Jv1xKf2_DqM