Hamara Hathras

20/07/2024 6:12 pm

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पानी की महिमा बड़ी , पानी जग का सार ।
समझो वह बेकार है , जो ना पानीदार ।।
जो ना पानीदार ,नदी,नल,सर, तरु,जलधर ।
करें नही सम्मान ,नाव ,नर ,शकुची ,नभचर।
कहता ‘दीपक’ सत्य , बताते सुर ,नर ज्ञानी ।
पंच तत्व में एक ,मुख्य जीवन हित पानी ।-१

पानी संचित कीजिये , करो नही बेकार ।
पानी में जीवन बसा , पानी अमृत धार ।।
पानी अमृत धार ,गले की प्यास बुझाये ।
रहे आँख में नीर , मनुज का मान बढ़ाये।
कहता ‘दीपक’ सत्य, बताते मुनिवर ज्ञानी।
होता मूल्य विहीन , न होवे जिसमें पानी ।-२

पानी के गुण -दोष से ,परिचित हैं सब लोग ।
पानी गन्दा यदि पिया , हो जाते हैं रोग ।।
हो जाते हैं रोग , त्वचा के बड़े निराले ।
होता पेट खराब , और इन्फेक्शन, छाले ।
कहता ‘दीपक’ सत्य , बताते सच विज्ञानी ।
स्वस्थ रहा वह व्यक्ति,शुद्ध जो पीता पानी ।-३

शिव कुमार ‘दीपक’
बहरदोई, सादाबाद
हाथरस (उ०प्र०)

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