Hamara Hathras

Latest News

मथुरा 10 अक्टूबर । भारत के नवाचार परिदृश्य ने सक्रिय सरकारी पहलों, एक जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और बढ़ते अकादमिक-उद्योग सहयोग के चलते उल्लेखनीय प्रगति की है। लक्षित सुधारों, मज़बूत साझेदारियों तथा उन्नत कौशल विकास के माध्यम से स्थायी चुनौतियों का समाधान कर, भारत वैश्विक नवाचार लीडर के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, मथुरा में “राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं से साझा कीं।

कॉर्पोरेट रिसोर्स सेंटर द्वारा आयोजित “बिल्डिंग नेशनल इनोवेशन इकोसिस्टम” पैनल चर्चा का संचालन संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने किया। पैनल चर्चा से पूर्व उन्होंने आईटी और एचआर क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों फिनसोल टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ गौरव अग्रवाल, ट्रैफाल्गर ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड की डीजीएम दीक्षा कपूर तथा आईरिस सॉफ्टवेयर की एचआरबीपी मैनेजर अंकिता गुप्ता का स्वागत किया। पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने माना कि भारत का नवाचार परिदृश्य उल्लेखनीय रूप से विस्तार ले रहा है।

‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने तकनीकी नवाचार तथा उद्यमिता के लिये अनुकूल वातावरण तैयार किया है। आईआईटी में अनुसंधान पार्कों और उद्योग प्रायोजित प्रयोगशालाओं की स्थापना, अकादमिक अनुसंधान तथा व्यावसायिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को कम कर रही है। फिनसोल टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ गौरव अग्रवाल ने तकनीकी नवाचार, विचारों के सृजन, स्किल एन्हॉसमेंट और इनक्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना पर विशेष बल दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि विचारों को परियोजनाओं में बदलने के लिए सुव्यवस्थित प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।

ट्रैफाल्गर ईपीसी प्राइवेट लिमिटेड की डीजीएम दीक्षा कपूर ने स्टार्टअप संस्कृति के विकास में कौशल निर्माण एवं कक्षा में सीखी गई थ्योरी के व्यावहारिक उपयोग पर जोर दिया वहीं, आईरिस सॉफ्टवेयर की एचआरबीपी मैनेजर अंकिता गुप्ता ने नवीनतम कोडिंग कौशल सीखने और उनका उपयोग करके टिकाऊ स्टार्टअप्स की स्थापना एवं आत्मनिर्भरता हासिल करने के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का समापन उत्साहपूर्ण प्रश्नोत्तर सत्र से हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं ने सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा को शांत किया।

संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने बताया कि संस्थान द्वारा इनोवेशन काउंसिल के माध्यम से छात्र-छात्राओं के नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान ने छात्र-छात्राओं के टिकाऊ स्टार्टअप विचारों को समर्थन देने के लिए दो करोड़ रुपये का सीड फंड निर्धारित किया है। कार्यक्रम के अंत में डीजीएम सीआरसी नीरज गर्ग ने सभी अतिथि वक्ताओं का आभार मानते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन छात्र-छात्राओं के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

You cannot copy content of this page