अकादमी की शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता ने गुंजायमान हुआ काका हाथरसी स्मारक भवन, काका हाथरसी...
हाथरस 09 नवंबर | उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी लखनऊ की डॉ. राजेंद्र कृष्ण संगीत महाविद्यालय मथुरा के सहयोग से प्रदेश के 8 से 25 आयु...
काका हाथरसी स्मारक सभागार में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, काव्य के माध्यम से कवियों...
हाथरस 09 नवंबर | हाथरस काकी मार्ग स्थित काका हाथरसी स्मारक सभागार में आयोजित कवि सम्मेलन में काका हाथरसी को याद किया गया ।...
टेडीबियर डे पर विष्णु सक्सेना की एक खास रचना-
हम अंधेरे नहीं उजाले हैं,
आपके साथ रहने वाले हैं
प्यार से बांह में भरो, हम भी
टेडीबीयर से भोले भाले हैं
ज़िंदगी ग़म से जोड़ मत देना,
बुलबुला...
सुरजीत मान जलईया सिंह की नई रचना ” प्रधान ”
पीठ पीछे जानता है
क्या क्या कहते लोग हैं?
सामने आता नहीं है
कोई भी रघुराज के।
जीतकर आया प्रधानी
रोब थानेदार का।
रोज दुगना बढ़ रहा है...
यशोधरा यादव ‘यशो’का एक नवगीत
लेखनी कुछ गीत लिख
दुःखित जन को प्रीति लिख .
कामनाओं की लता जब पुष्प से सज्जित हुई
यंत्रवत कर्मों से हटकर
प्रीति प्रतिबिम्बत हुई
छंद के...
अवशेष मानवतावादी का गीत – फिर भी ईश्वर के होने का होता है अहसास
ना तो कोई भी सबूत है
ना गवाह है पास।
फिर ईश्वर भी के होने का
होता है अहसास।।
तोड़ तोड़कर कण को हमने कण कण में तोड़ा।
फिर...
प्रोमिस डे पर विष्णु सक्सेना की कलम से कुछ खास-
हम हैं शीशे से टूट जाएंगे,
तुम न आये तो रूठ जाएंगे,
कोशिशें कामयाब होती है-
वादे जितने हैं टूट जाएंगे।
मेरे सांचे में ढल के देख ज़रा,
दो...
माँ पर शिव कुमार ‘दीपक’ के मार्मिक दोहे
जननी करती उम्र भर ,
जीवन पथ आलोक ।
माँ के आगे क्षुद्र हैं ,
धरा, गगन , सुरलोक ।।-1
घाट-घाट का जल पिया,
बुझी न मन की...
यशोधरा यादव ‘यशो’ का नव गीत “सम्बोधनों के मौन”
हो गये हैं शब्द क्यों सम्बोधनों के मौन .
खींचता नैराश्य जग में जिन्दगी को कौन.
खिलखिलाहट हो गई गुजरे समय की बात ,
अब नहीं होती...
शिव कुमार ‘दीपक’ की कुंडलियां
पानी की महिमा बड़ी , पानी जग का सार ।
समझो वह बेकार है , जो ना पानीदार ।।
जो ना पानीदार ,नदी,नल,सर, तरु,जलधर ।
करें नही...