हाथरस में हुए अग्निकांड के बाद अग्निशमन विभाग का जिले के शीतगृह संचालकों पर कसेगा शिकंजा, अधिकांश कोल्ड स्टोरेज में लगे अग्निशमन यंत्र केवल दिखावटी
हाथरस 06 अप्रैल । जनपद में दर्जनों कोल्ड स्टोरेज संचालित हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर के पास फायर सर्विस स्टेशन की एनओसी नहीं है। सासनी के पास एक कोल्ड स्टोरेज में तीन दिन पहले लगी आग पर 84 घंटे बाद काबू पाया गया। इस हादसे में व्यापारियों का करोड़ों
हाथरस में लाखों रुपए की लूट का आरोपी पुलिस से मुठभेड़ में घायल, बदमाश के पैर में लगी गोली, दूसरा साथी भी गिरफ्तार, लूट के 70 हजार रुपए बरामद
हाथरस 06 अप्रैल | कोतवाली हाथरस जंक्शन के क्षेत्र के गांव भदामई निवासी यतेंद्र सिंह पुत्र प्रेम सिंह 14 फरवरी 2025 को तहसील में जमीन का का बैनामा कर थैले में 1.5 लाख रुपये लेकर साइकिल पर सवार हो अपने गांव जा रहे थे। इसी दौरान नहर की पटरी कुंडा गांव
हसायन की बालिका ने लहराया हिन्दुस्तान ओल्पियाड प्रतियोगिता में परचम, पुलिस अधीक्षक ने किया सम्मानित
सिकंदराराऊ (हसायन) 30 मार्च । स्थानीय कस्बा के मोहल्ला दखल की रहने वाले मैंडू वाले बौहरे की सोलह वर्षीय बालिका लघु नातिन ने हिन्दुस्तान ओल्पियाड प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर अपनी कामयाबी का परचम लहराया है।हिन्दुस्तान ओल्पियाड प्रतियोगिता में कामयाबी का परचम फहराए जाने के बाद जब हिन्दुस्तान की ओर से
हाथरस से जाने वाली बसों का टाइम टेबल
हाथरस से जाने वाली बसों का टाइम टेबल कहाँ से – कहाँ तक वाया टाइम हाथरस से नोएडा यमुना एक्सप्रेससवे 5:30, 6:00, 6:30, 7:00 हाथरस से नोएडा यमुना एक्सप्रेससवे 12:30, 13:00, 16:00 हाथरस से दिल्ली अलीगढ, खुर्जा 4:30, 5:00. 5:30, 6:00. 8:00 बल्लभगढ़ इगलास, गौड़ा 6:00, 6:30
सुरजीत मान जलईया सिंह की नई रचना ” प्रधान ”
पीठ पीछे जानता है क्या क्या कहते लोग हैं? सामने आता नहीं है कोई भी रघुराज के। जीतकर आया प्रधानी रोब थानेदार का। रोज दुगना बढ़ रहा है कद भी अब किरदार का। छटपटाती है खजूरी बोलती कुछ भी नहीं जैसे पंजों में फंसी हो एक चिड़िया बाज़ के। सामने
अवशेष मानवतावादी का गीत – फिर भी ईश्वर के होने का होता है अहसास
ना तो कोई भी सबूत है ना गवाह है पास। फिर ईश्वर भी के होने का होता है अहसास।। तोड़ तोड़कर कण को हमने कण कण में तोड़ा। फिर कण के टूटे कण कण को आपस में जोड़ा।। तत्व तत्व में छिपे तत्व का सारा तत्व निकाला, धरती क्या अम्बर
शिव कुमार ‘दीपक’ की बाल रचना
झूला लेकर आया सावन । हरियाली ले वर्षा आयी । बच्चों ने ली मन अंगड़ाई ।। दादुर पपिहा नाचे मोर । काली कोयल करे कनकोर ।। धानी चूँदर ओढ़े धरती । रिमझिम रिमझिम बरसा बरसी । छुक – छुक बच्चे रेल चलाते । हँसते गाते खूब नहाते ।। नदिया पोखर
अकबर सिंह अकेला की एक कविता –
वर्षा झमझम हो रही, मौसम भी परवान। हवा निराली चल रही, पंछी गाउत गान।। दिन में अँधियारी झुकी, बिल्कुल रात समान। लुका छिपी बदरा करें, सूरज अंतर ध्यान।। सांय काल में लग रहा, कबहुं न बरसो नीर | धूप खिली राहत मिली, बदलो रुखहिं समीर || अकबर सिंह अकेला मानिकपुर,
यशोधरा यादव ‘यशो’का एक नवगीत
लेखनी कुछ गीत लिख दुःखित जन को प्रीति लिख . कामनाओं की लता जब पुष्प से सज्जित हुई यंत्रवत कर्मों से हटकर प्रीति प्रतिबिम्बत हुई छंद के स्वर्णिम सवेरों की नयी रणनीति लिख लेखनी………… सूखते संबंध की टहनी पर कलियां खिल उठें बैठे जो अनजान बन मन मीत बन मिल