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मथुरा 27 अक्टूबर । राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा के बीसीए छात्र-छात्राओं को रिसोर्स पर्सन रोहित पाहवा ने डेटा साइंस क्षेत्र के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने डेटा साइंस के अनुप्रयोगों और विभिन्न उद्योगों में इसकी बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डेटा साइंस आज तकनीकी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसकी स्वास्थ्य, वित्त, ई-कॉमर्स और शिक्षा जैसे लगभग हर क्षेत्र में मांग तेजी से बढ़ रही है। डुकैट के प्रमाणित प्रशिक्षक और डेटा साइंस विशेषज्ञ रोहित पाहवा ने वर्कशॉप में छात्र-छात्राओं को सांख्यिकी तथा क्षेत्र-विशिष्ट ज्ञान की बुनियादी समझ से भी अवगत कराया। उन्होंने डेटा तैयारी और अन्वेषण के सत्र में विद्यार्थियों को विभिन्न स्रोतों से डेटा संग्रह, उसे साफ करने और गायब मान या बाहरी मान जैसी असंगतियों को संभालने की तकनीकों से भी परिचित कराया। उन्होंने अन्वेषणात्मक डेटा विश्लेषण और वर्णनात्मक सांख्यिकी के जरिए डेटा पैटर्न, संबंधों और वितरणों को समझने की विधियां भी बताईं।

डेटा दृश्यांकन पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार जटिल डेटा को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रोग्रामिंग एवं टूल्स पर आधारित सत्र में रोहित पाहवा ने पायथॉन  और आर भाषाओं की मूल बातें सिखाईं। उन्होंने एसक्यूएल का उपयोग करके डेटाबेस क्वेरी तकनीकों को भी विद्यार्थियों को समझाया। इसके अतिरिक्त बिग डेटा तकनीकों की जानकारी देते हुए उन्होंने बड़े पैमाने पर डेटा को संभालने और उसके विश्लेषण की प्रक्रिया को स्पष्ट किया। मशीन लर्निंग एवं मॉडलिंग पर विशेष फोकस करते हुए उन्होंने फीचर इंजीनियरिंग की अवधारणा समझाई और बताया कि कैसे फीचर्स का चयन और उनका रूपांतरण मॉडल के प्रदर्शन को बेहतर बना सकता है। उन्होंने सुपरवाइज्ड लर्निंग में वर्गीकरण और प्रतिगमन के एल्गोरिदम की जानकारी दी तथा अनसुपरवाइज्ड लर्निंग के अंतर्गत लेबल-रहित डेटा से पैटर्न खोजने की विधियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने मॉडल मूल्यांकन और ट्यूनिंग की तकनीकों के साथ-साथ मशीन लर्निंग मॉडल्स को प्रोडक्शन वातावरण में डिप्लॉय करने की रणनीतियों पर भी विस्तार से चर्चा की।

रोहित पाहवा ने छात्र-छात्राओं को कौशल प्रदर्शित करने तथा उद्योग में प्रवेश के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने के तरीके भी बताए। उन्होंने नेटवर्किंग, उद्योग विशेषज्ञों से सम्पर्क बनाने और इन संबंधों को करियर विकास में उपयोग करने के महत्व पर भी बल दिया। इसके साथ ही नौकरी आवेदन, साक्षात्कार की तैयारी और कॉर्पोरेट जीवन की शुरुआती चुनौतियों से निपटने के लिए व्यावहारिक सुझाव भी साझा किए। राजीव एकेडमी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रमुख डॉ. विकास जैन ने कहा कि यह वर्कशॉप विद्यार्थियों को इंडस्ट्री की बदलती आवश्यकताओं से जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है। निदेशक डॉ. अभिषेक सिंह भदौरिया ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होते हैं। डॉ. भदौरिया ने रिसोर्स पर्सन रोहित पाहवा का आभार मानते हुए कहा कि इस वर्कशॉप से विद्यार्थियों को नई तकनीकों से परिचित होने तथा कॉर्पोरेट संस्कृति को समझने का अवसर मिला।

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