
लखनऊ 26 सितंबर । सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के लिए बड़े और महत्वाकांक्षी फैसले लिए गए। बैठक में 22 प्रस्ताव पेश किए गए और सभी को मंजूरी दी गई। बैठक में तय हुआ कि उज्ज्वला योजना के तहत दो सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। इससे 1.86 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इसके तहत पहला सिलेंडर दिवाली में दिया जाएगा। यूपी सेमी कंडक्टर नीति के तहत फॉक्सकॉन को स्थान परिवर्तन की मंजूरी दी गई। जिला खनिज न्यास नियमावली को भी मंजूरी मिल गई है। 70 प्रतिशत निधि पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य आदि में खर्च होगी। जबकि 30 फीसदी बुनियादी विकास, शिक्षा आदि में खर्च होगा। इसके अलावा भूतत्व और खनिकर्म के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। वस्त्र नीति 2017 के तहत एक टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क योजना को मंजूरी दी गई है। पीपीपी मॉडल पर 50 एकड़ जमीन पर बनेगा। एक पार्क में 1500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
पर्यटन विभाग की ओर से पिछले दिनों अपने यहां विभिन्न पदों का पुर्नगठन व नए पदों का सृजन किया गया था। इसके तहत हर जिले में जिला पर्यटन अधिकारी की तैनाती करने का निर्णय हुआ था। इसी क्रम में कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश पर्यटन सेवा नियमावली 2025 को शुक्रवार को हरी झंडी दे दी है। इसके अुनसार जिला पर्यटन अधिकारी के 50 फीसदी पद लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। जबकि, 50 फीसदी पद मौलिक रूप से नियुक्त अपर जिला पर्यटन अधिकारियों में से पदोन्नति से भरे जाएंगे। इनको छह साल की सेवा पूरी करनी होगी। विभाग ने पिछले दिनों जिला पर्यटन अधिकारी के 59 पद सृजित किए हैं। पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन सेवा संवर्ग में अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, सहायक निदेशक पर्यटन व जिला पर्यटन अधिकारी के पदों पर भर्ती-पदोन्नति की जाएगी। इसी क्रम में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी-सहायक निदेशक पर्यटन पद पर 90 फीसदी मौलिक रूप से नियुक्त जिला पर्यटन अधिकारियों में विभागीय चयन समिति पदोन्नति से होगी। जिन्होंने पांच साल की सेवा पूरी कर ली है। वहीं 10 फीसदी पद नियुक्त प्रकाशन अधिकारियों में से पदोन्नति से होगा। जिन्होंने 12 साल की सेवा पूरी कर ली हो। नियमावली में सभी पदों के लिए अर्हता, वेतनमान आदि भी तय किया है। मंत्री ने बताया कि इसमें यह भी कहा गया है कि जहां भर्ती के किसी वर्ष में नियुक्तियां सीधी भर्ती व पदोन्नति दोनों से होना है। वहां पर नियमित नियुक्ति तब तक न की जाए, जब तक दोनों स्रोतों से चयन न कर लिया जाए।