आगरा 08 नवंबर । शारदा विश्वविद्यालय में “लीडरशिप कांक्लेव 2025” का दो दिवसीय आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के पहले दिन देश के उद्योग, शिक्षा एवं प्रशासन जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने अपने प्रेरक विचारों से विद्यार्थियों को नेतृत्व, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व के महत्व से अवगत कराया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि लीडरशिप का अर्थ केवल पद या अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। जो दूसरों को प्रेरित कर उनके जीवन में बदलाव लाता है, वही सच्चा नेता है। नेतृत्व केवल आदेश देने की कला नहीं, बल्कि दूसरों की क्षमता को पहचानकर उन्हें सही दिशा देने का संकल्प है। उन्होंने आगे कहा कि आज का युवा भारत परिवर्तन का वाहक है। यह वही पीढ़ी है जो तकनीक, विचार और संकल्प तीनों को साथ लेकर चल सकती है। हमें ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो केवल करियर नहीं, बल्कि समाज के लिए दृष्टि लेकर काम करें। नेतृत्व वहीं सफल होता है, जहाँ ईमानदारी, संवेदनशीलता और सेवा की भावना जुड़ी हो। अवस्थी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और भारत आज विकास के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। इस बदलाव का नेतृत्व आप जैसे युवाओं को करना है। जब युवा अपने भीतर अनुशासन, जिम्मेदारी और सकारात्मक सोच विकसित करता है, तो वह स्वयं एक संस्थान बन जाता है। यही सच्ची ‘लीडरशिप’ की पहचान है। आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) भारत भास्कर ने कहा कि लीडरशिप का मूल सार यह है कि व्यक्ति केवल स्वयं के लिए नहीं, बल्कि समाज और संगठन के लिए सोचता है। सही दिशा और दृढ़ निश्चय ही एक साधारण व्यक्ति को असाधारण नेता बनाते हैं। डीजी यात्रा फाउंडेशन के सीईओ सुरेश खड़कभावी ने कहा कि डिजिटल इंडिया का भविष्य उन युवाओं के हाथों में है जो तकनीक को समाज के विकास के लिए उपयोग करना जानते हैं। हर युवा को ‘डिजिटल लीडर’ बनने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
केपीएमजी इंडिया के प्रतिष्ठित स्पीकर एवं लीडरशिप कोच साहिल नायर ने कहा कि नेतृत्व केवल निर्णय लेने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोगों के साथ जुड़ने की कला है। एक सच्चा लीडर वह है जो टीम को केवल लक्ष्य नहीं देता, बल्कि उनमें उद्देश्य की भावना जगाता है। आज के युवा यदि आत्म-जागरूकता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सहयोगी सोच को अपनाएं, तो वे न केवल अपने करियर बल्कि समाज को भी दिशा दे सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हर युवा में एक ‘इनर लीडर’ छिपा है — आवश्यकता है उसे पहचानने और संवारने की। लीडरशिप की यात्रा भीतर से शुरू होती है, और वहीं से समाज में परिवर्तन की शुरुआत होती है। केजीको इंडस्ट्री आगरा के एमडी जय अग्रवाल ने विद्यार्थियों को उद्यमिता की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि हर असफलता एक नई शुरुआत का अवसर है। युवा यदि नवाचार और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, तो वे अपने क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी बदलाव ला सकते हैं।

लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने उद्योग क्षेत्र में कौशल विकास और नवाचार के लिए शिक्षा संस्थानों से जुड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। डेवलपमेंट काउंसिल ऑफ फुटवियर के अध्यक्ष पूरन डावर ने युवाओं को “मेक इन इंडिया” अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। युवाओं को केवल नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनने का संकल्प लेना चाहिए। उद्योग और शिक्षा का मजबूत समन्वय ही भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा। श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर आगरा के महंत योगेश पुरी ने कहा कि लीडरशिप का पहला पाठ सेवा और त्याग है। जो समाज के लिए जीता है, वही सच्चा नेता है। युवाओं को अपने जीवन में नैतिकता, करुणा और कर्म को सर्वोच्च स्थान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मन स्थिर और लक्ष्य स्पष्ट होता है, तभी व्यक्ति सच्चे अर्थों में मार्गदर्शक बनता है।
शारदा विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) जयंती रंजन ने कहा कि हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल शिक्षित करना नहीं, बल्कि उन्हें ऐसे लीडर बनाना है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें। प्रो-चांसलर वाई.के. गुप्ता ने कहा कि लीडरशिप का मूल आधार ईमानदारी और संवेदनशीलता है। इन मूल्यों को अपनाए बिना सफलता अधूरी है। कार्यक्रम में कुलसचिव सुरेंद्र सिवाच, उपकुलसचिव डॉ. प्रवीण तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. खालिद मंसूर, डीएसडब्ल्यू डीन प्रो. शैलेंद्र सिंह, कॉनक्लेव कन्वीनर मोहम्मद आरिफ, कोऑर्डिनेटर डॉ. सोनी शर्मा, इवेंट हेड डॉ. विशेष सिंह राजपूत, आनंदिता चौहान (असिस्टेंट मैनेजर), अंबालिका आर्यन सहित समस्त डीन, विभागाध्यक्ष, डायरेक्टर्स, शिक्षकगण एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. दिव्यानी द्वारा किया गया, जिन्होंने अपने आत्मविश्वासपूर्ण एवं आकर्षक शैली में पूरे सत्र को जीवंत बनाए रखा। अंत में डॉ. दीप्ति वर्मा ने अतिथियों एवं उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा विश्वविद्यालय आगरा सदैव ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को नेतृत्व, नवाचार एवं राष्ट्र निर्माण के मार्ग पर प्रेरित करता है। इस अवसर पर शारदा विश्वविद्यालय आगरा के माननीय चांसलर श्री पीके गुप्ता ने बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की।









