Hamara Hathras

Latest News

सिकंदराराऊ (हसायन) 28 मई । कस्बे के मोहल्ला दखल में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य बालकृष्ण ने भगवान शिव, माता सती और माता पार्वती की वैवाहिक लीला का मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए दांपत्य जीवन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दांपत्य जीवन का सम्मान व धर्म सर्वोपरि होता है और पति-पत्नी के बीच प्रेम व सम्मान के आधार पर जीवन सफल होता है। पति को पत्नी का सम्मान करना चाहिए तो पत्नी को अपने पति की आज्ञा का पालन करना चाहिए। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज के समय में पाश्चात्य संस्कृति और सोशल मीडिया के प्रभाव में परिवार के धार्मिक व पारंपरिक मूल्य कमजोर होते जा रहे हैं, जो समाज के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कथा में राजा दक्ष के यज्ञ में माता सती के बिना निमंत्रण आने के कारण अपमान सहने तथा अग्नि में स्वयं को समर्पित करने की घटना का विस्तृत वर्णन किया। इस घटना से भगवान शिव की गहरी नाराजगी और उनके द्वारा राजा दक्ष के यज्ञ का विध्वंस करने की कथा सुनाकर उन्होंने भक्तों को भावविभोर कर दिया। आचार्य ने बताया कि माता सती का पुनर्जन्म माता पार्वती के रूप में हुआ, जिन्होंने पुनः भगवान शिव से विवाह किया। इस कथा के दौरान श्रद्धालु भक्तगण भाव विभोर हो गए और धार्मिक माहौल भक्तिमय हो उठा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

You cannot copy content of this page