मथुरा 12 सितम्बर । मथुरा के वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर का खजाना 1971 के बाद पहली बार खोला जाएगा। गुरुवार को हाई पावर मैनेजमेंट कमिटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में मंदिर प्रबंधन, सिविल जज, ऑडिटर और पुलिस अधिकारी शामिल थे। खजाना खोलने की पूरी प्रक्रिया वीडियोग्राफी के जरिए दर्ज की जाएगी। खजाने में पन्ना का मोरनी हार, सहस्त्रफनी रजत शेषनाग, स्वर्ण कलश जिसमें नवरत्न, सोने-चांदी के सिक्के और ऐतिहासिक चढ़ावे, श्रद्धांजलि पत्र, मोहर लगे सनद, भूमि-पट्टे और मंदिर की संपत्तियों के दस्तावेज शामिल हैं। 1971 में इसे खोला गया था और कीमती वस्तुएँ मथुरा के स्टेट बैंक के लॉकर में सुरक्षित रखी गई थीं। खजाने पर पहले भी चोरी के प्रयास हुए थे।
मंदिर प्रशासन ने अन्य फैसले भी लिए हैं
श्री बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी पर्ची सिस्टम बंद करना, प्रवेश और निकास द्वार अलग करना, सुरक्षा व्यवस्था में रिटायर्ड सैनिकों वाली प्राइवेट एजेंसी लगाना, लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दर्शन कराना और मंदिर की संपत्ति का पूरा विवरण 15 दिन में कमिटी को प्रस्तुत करना।