Hamara Hathras

11/10/2024 6:34 pm

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मुंबई 11 अगस्त । रतन टाटा के देहांत के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर टाटा ट्रस्ट की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है। शुक्रवार को मुंबई में हुई मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी। इसके साथ ही उन्हें टाटा ग्रुप के दो सबसे महत्वपूर्ण संस्थान सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया है। पहले वे इन संस्थाओं में ट्रस्टी के तौर पर शामिल थे। टाटा ट्रस्ट को बनाने में रतन नवल टाटा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। टाटा समूह की कंपनी टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत ही टाटा ग्रुप संचालित है।

नोएल को टाटा ट्रस्ट की नई जिम्मेदारी

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। नोएल ट्रस्टी के तौर पर शामिल थे। वहीं, टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन हैं। इतना ही नहीं टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हैं।

टाटा ट्रस्ट के 6वें चेयरमैन बने नोएल

नोएल टाटा ने ससेक्स यूनिवर्सिटी, यूके और इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम से पढ़ाई की है। उन्हें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें और सर रतन टाटा ट्रस्ट के 6वें चेयरमैन के तौर पर चुना गया।

कंपनी का बनाया था राजस्व

टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने 2010-2021 के दौरान कंपनी के राजस्व को 500 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर तीन बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में भूमिका निभाई थी। ट्रेंट लिमिटेड का 1998 में एक रिटेल स्टोर था, जो इनके नेतृत्व में 500 से अधिक स्टोर्स में बदल चुका है।

कभी साइरस मिस्री को दे दिया था पद

नोएल टाटा को पहले भी टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए चुना जा चुका है, लेकिन बाद में यह पद साइरस मिस्री को दे दिया गया था। मिस्त्री के इस्तीफे के बाद एन चंद्रशेखरन ने चेयरमैन का पद संभाला।

16 कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड

टाटा ग्रुप की 16 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड है। इनका मार्केट कैप 33 लाख करोड़ रुपये है। इस हिसाब से देश का सबसे बड़ा कॉरपोरेट ग्रुप है। हालांकि टाटा ग्रुप में 30 कंपनियां हैं। इनकी होल्डिंग टाटा संस है, जो लिस्टेड नहीं है। इसके अलावा एअर इंडिया, टाटा एआईजी, टाटा हाउसिंग, टाटा वन एमजी, टाटा इंटरैक्टिव सिस्टम्स जैसी कंपनियां लिस्टेड नहीं है।

नोएल टाटा का जन्म 1957 में नवल टाटा और सिमोन टाटा के घर हुआ था। उन्होंने यूके में ससेक्स विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में फ्रांस में दुनिया के शीर्ष बिजनेस स्कूलों में से एक INSEAD में प्रतिष्ठित इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में हिस्सा लिया। उन्होंने टाटा ग्रुप में टाटा इंटरनेशनल में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की। यह कंपनी विदेशों में टाटा के बिजनस को देखती है। जून 1999 में उन्हें टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट में एमडी बनाया गया। इस कंपनी की स्थापना मूल रूप से उनकी मां सिमोन टाटा ने की थी।

ट्रेंट को बुलंदियों पर पहुंचाया

ट्रेंट को बुलंदियों पर पहुंचाने का श्रेय नोएल टाटा को जाता है। आज इस कंपनी का मार्केट कैप 2,93,275.38 करोड़ रुपये है। इससे टाटा ग्रुप के भीतर नोएल का प्रभाव और कद बढ़ गया। साल 2003 में वह टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास के बोर्ड में शामिल हो गए। 2010 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का एमडी नियुक्त किया गया। तब यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि उन्हें टाटा ग्रुप के प्रमुख के रूप में रतन टाटा का उत्तराधिकारी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। लेकिन 2011 में टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाने की घोषणा की। साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री की शादी नोएल टाटा से हुई है।

इस निर्णय ने कई लोगों को चौंका दिया लेकिन नोएल चुपचाप अपना काम करते रहे। साल 2016 में मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा कुछ समय के लिए अंतरिम चेयरमैन के रूप में वापस आ गए। इस बीच एन चंद्रशेखरन को टाटा संस का चेयरमैन बना दिया गया। नोएल को 2018 में सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में नियुक्त किया गया था। रतन टाटा के निधन के बाद अब उन्हें टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन बनाया गया है। लेकिन वह टाटा संस के चेयरमैन नहीं बन सकते हैं।

परिवार और नेटवर्थ

इसकी वजह यह है कि साल 2022 में टाटा संस बोर्ड ने सर्वसम्मति से अपने आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में संशोधन किया था। इसके मुताबिक एक ही व्यक्ति इन दो पदों पर नहीं रह सकता है। रतन टाटा एक साथ टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन और टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस का पद संभालने वाले आखिरी शख्स थे।यानी नोएल टाटा अब टाटा संस के चेयरमैन नहीं बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन की कुर्सी छोड़नी होगी।

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