हाथरस 20 मई । हाथरस की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन के विरुद्ध दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका गांव हतीसा निवासी मतेंद्र सिंह गहलोत द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुमन ने संसद में ऐतिहासिक योद्धा राणा सांगा को “गद्दार” कहकर अपमानित किया और इससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुँची। याचिका में कहा गया कि सांसद सुमन ने 22 मार्च 2025 को अपने संसद में दिए गए बयान की सोशल मीडिया पर पुष्टि की थी, जिससे जातीय तनाव फैल सकता था। पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज न किए जाने के बाद गहलोत ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सीओ सिटी की रिपोर्ट में कहा गया कि सांसद द्वारा दिया गया बयान संसदीय विशेषाधिकार के अंतर्गत आता है और इसका स्थानीय क्षेत्र (हाथरस) से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं बृजमोहन राही व लल्लन बाबू ने बताया कि अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 105(2) का हवाला देते हुए कहा कि “सांसद द्वारा संसद या उसकी किसी समिति में दिए गए बयान के लिए किसी भी न्यायालय में कार्रवाई नहीं की जा सकती।” न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि संसद के बाहर सिर्फ उस बयान की पुष्टि करना संज्ञेय अपराध की श्रेणी में नहीं आता और धारा 173(4) बीएनएसएस के तहत याचिका स्वीकार योग्य नहीं है। इसी आधार पर याचिका को खारिज कर दिया गया।