नोएडा 04 अगस्त । नोएडा की थाना फेस-3 पुलिस और क्राइम रिस्पॉन्स टीम (CRT) ने संयुक्त ऑपरेशन में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर के जरिए आरोपी विदेशी नागरिकों को माइक्रोसॉफ्ट टेक्निकल सपोर्ट का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे। इस मामले में दो महिलाओं समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने जानकारी दी कि आरोपी सेक्टर-63 स्थित एक कॉल सेंटर से गूगल ऐप्स के ज़रिए विदेशी नागरिकों का डेटा खरीदते थे। फिर वायरस भेजकर उनके सिस्टम को लॉक कर देते थे। खुद को माइक्रोसॉफ्ट एजेंट बताकर टीम व्यूअर या अल्ट्रा व्यूअर जैसे रिमोट ऐप्स डाउनलोड कराते और सिस्टम का कंट्रोल ले लेते। इसके बाद पीड़ितों को डराया जाता था कि उनके बैंक अकाउंट या डाटा हैक हो गया है, और फिर क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन या जीले ऐप के जरिए भारी रकम वसूली जाती थी। यह गिरोह अमेरिकी टेक्नोलॉजी वेंडर्स के संपर्क में भी था, जो उन्हें डाटा उपलब्ध कराते थे।
ऐसे करते थे धोखाधड़ी
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपी एक संगठित नेटवर्क के रूप में कार्य कर रहे थे। इनके द्वारा अमेरिकी नागरिकों का डेटा खरीदा जाता था और उनके सिस्टम में वायरस या बग भेजा जाता था। फिर ऐप्स की मदद से इंटरनेट कॉल के जरिए उन विदेशी नागरिकों को कॉल किया जाता और खुद को टेक्निकल सपोर्ट का कर्मचारी बताकर बात की जाती थी।
डाउनलोड करवाते थे ऐप
एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता ताकि सिस्टम पर रिमोट एक्सेस हासिल किया जा सके। इसके बाद सिस्टम हैक होने और बैंक अकाउंट से खतरे का झांसा दिया जाता ताकि पीड़ित डरे और तत्काल भुगतान करें। भुगतान ऐप या क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कराया जाता था।
गिरफ्तारी में बरामद सामग्री
इस दौरान 23 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 27 चार्जर, 23 माउस, 17 पेन ड्राइव और फर्जी माइक्रोसॉफ्ट ID कार्ड बरामद हुए हैं। पुलिस ने सभी डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह नेटवर्क बेहद संगठित और तकनीकी रूप से दक्ष है। पुलिस अब इस साइबर ठगी के पूरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर था नेटवर्क
पुलिस को काफी समय से इस गिरोह की गतिविधियों पर संदेह था। सूचना पुख्ता होने पर बीती रात सेक्टर-65 स्थित ए-43 बिल्डिंग में छापेमारी की गई, जहां ये कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कंप्यूटर में स्क्रिप्ट तैयार कर रखी थी जिससे पीड़ित को सिस्टम में वायरस या हैकिंग का भ्रम हो।
मुख्य आरोपी भी पकड़े गए
गिरफ्तार मुख्य आरोपियों में दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब से आए युवक और युवतियां शामिल हैं। प्रमुख रूप से ध्रुव अरोड़ा (दिल्ली) आकाश तिवारी (हरियाणा) मयूर नायक (राजस्थान) दिव्यांश (उत्तराखंड) रितु राजपूत (औरेया) सुकृति (पंजाब) मुख्य आरोपी है। अन्य आरोपी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे।
साइबर अपराध का नया चेहरा
नोएडा जैसे क्षेत्र में फर्जी कॉल सेंटरों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है। पुलिस इस मामले को आर्थिक और तकनीकी धोखाधड़ी से जोड़ते हुए आगे की जांच कर रही है। पूछताछ के दौरान गिरोह के कुछ और साथियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।