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लखनऊ 05 दिसंबर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ब्रांड उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी ‘एक जनपद-एक उत्पाद योजना’ अब ओडीओपी 2.0 के माध्यम से स्थानीय उद्योग, स्वरोज़गार और निर्यात को नई ऊंचाई देने के लिए तैयार है। उन्होंने बैठक में कहा कि बदलते वैश्विक बाजार, तकनीकी उन्नयन, गुणवत्ता और पैकेजिंग की नई आवश्यकताओं के अनुसार ओडीओपी को और अधिक व्यापक, व्यावसायिक और परिणामोन्मुखी बनाना होगा। ओडीओपी 2.0 के माध्यम से सरकार का लक्ष्य प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को बड़े बाज़ार, निर्यात और स्थायी रोजगार का मजबूत आधार बनाना है। मुख्यमंत्री ने ‘एक जनपद-एक व्यंजन’ (ओडीओसी) की अवधारणा को भी साकार करने की आवश्यकता बताई, ताकि प्रदेश के हर जिले की विशिष्ट खाद्य परंपरा को संगठित पहचान दी जा सके। उन्होंने कहा कि ओडीओपी और ओडीओसी मिलकर उत्तर प्रदेश को ‘लोकल से ग्लोबल’ की दिशा में नई गति देंगे। वर्ष 2018 में शुरू ओडीओपी योजना आज प्रदेश के निर्यात और स्थानीय उद्योगों की रीढ़ बन चुकी है। अब तक 1.25 लाख से अधिक टूलकिट वितरित किए गए, 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरण हुआ और 8 हजार से अधिक उद्यमियों को प्रत्यक्ष विपणन सहायता दी गई है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ओडीओपी से जुड़े कॉमन फैसिलिटी सेंटरों को और अधिक उपयोगी बनाया जाए और विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि छोटे उद्यमियों को तकनीकी परामर्श, डिज़ाइन, पैकेजिंग और उत्पादन में सहायता एक ही स्थान पर मिले। उन्होंने यह भी कहा कि ओडीओपी उत्पादों को पारंपरिक बाजारों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि बड़े रीटेल नेटवर्क, यूनिटी मॉल और अन्य प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित कर उत्तर प्रदेश की पहचान और बढ़ाई जाए। इसके साथ ही गुणवत्ता, प्रमाणन और ब्रांड मूल्य के माध्यम से प्रदेश के उत्पाद वैश्विक बाजार में विशिष्ट पहचान बनाएंगे।

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