मथुरा 02 दिसंबर । संस्कृति विश्वविद्यालय और वृंदावन स्थित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू सम्पन्न हुआ है। विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार मनीष मिश्रा जबकि गीता शोध संस्थान की ओर से निदेशक दिनेश खन्ना ने इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर इसे अंतिम रूप दिया। यह समझौता ब्रज की संस्कृति, कला, रासलीला और गीता के पठन-पाठन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। एमओयू के अनुसार दोनों संस्थान मिलकर ब्रज संस्कृति, रासलीला और गीता पर संयुक्त रूप से शोध एवं शिक्षण कार्य करेंगे। रासलीला के मंचन और नाट्य प्रस्तुतियों के लिए संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। गीता पर आधारित शोध कार्य, शोध प्रबंध और अकादमिक परियोजनाएँ भी दोनों संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जाएँगी। शिक्षकों के आदान-प्रदान, अकादमिक सहयोग और विशेषज्ञता साझा करने पर भी सहमति बनी है। ब्रज की संस्कृति, कला और पारंपरिक विधाओं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु दोनों संस्थान मिलकर व्यापक स्तर पर कार्य करेंगे। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को गीता शोध संस्थान में शैक्षिक भ्रमण कराया जाएगा, जहाँ वे व्याख्यान, गोष्ठियों और विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता करेंगे। इसी प्रकार विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और विद्वान भी संस्थान द्वारा आयोजित गतिविधियों में भाग लेंगे।
इस समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता और गीता शोध संस्थान के निदेशक दिनेश खन्ना ने कहा कि यह एमओयू ब्रज की कला, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण कदम है। समझौते के दौरान कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, कुलपति प्रो. एम.बी. चेट्टी, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ. उमेश चंद्र शर्मा, संस्थान के कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, गीता प्रचारक महेश चंद्र शर्मा और ब्रज कला केंद्र के विष्णु गोयल भी उपस्थिति रहे।













