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इलाहाबाद 13 नवम्बर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पासपोर्ट वेरिफिकेशन में देरी पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों का पुलिस वेरिफिकेशन एक महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वेरिफिकेशन में देरी से लोगों का घूमने-फिरने का अधिकार प्रभावित होता है। विदेश मंत्रालय के सिटीजन चार्टर जून 2025 का जिक्र करते हुए कोर्ट ने बताया कि नया पासपोर्ट बनने में 30 कार्यदिवस और पुराने पासपोर्ट के नवीनीकरण में 7 कार्यदिवस लगते हैं। यह समय पुलिस जांच को छोड़कर है। इसलिए पुलिस को तुरंत और पूरी मेहनत से पासपोर्ट वेरिफिकेशन पूरा करना होगा। कोर्ट ने कहा कि पुलिस जांच में अनावश्यक देरी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए, देरी केवल बहुत खास परिस्थितियों में ही की जा सकती है। खासकर जब पासपोर्ट एक साल के लिए रिन्यू करना हो, तो देरी से आवेदक को परेशानी होती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिनका आपराधिक केस चल रहा है और पासपोर्ट अटका हुआ है, वे पहले संबंधित कोर्ट या पुलिस से अनुमति यानी एनओसी लें। इसके बाद पासपोर्ट कार्यालय और पुलिस को तेजी से कार्यवाही करनी होगी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आवेदन जमा होने के एक महीने के भीतर यह बताया जाए कि पासपोर्ट जारी किया जा सकता है या नहीं और एनओसी मिलने के बाद अगले एक महीने में पासपोर्ट को अंतिम रूप से जारी या निरस्त कर दिया जाए। पासपोर्ट आवेदन आने के बाद पुलिस को चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि पासपोर्ट कार्यालय से नोटिस मिलने पर पहले उसका जवाब दें, बिना जवाब दिए सीधे कोर्ट न जाएं।

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