अयोध्या 23 अक्टूबर । दीपोत्सव के पंचदिवसीय पर्व में इस बार भक्ति, भव्यता और विकास का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रीराम की नगरी अयोध्या में करोड़ों दीपों से विश्व कीर्तिमान बनाया गया, जबकि इस आयोजन ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच अयोध्या में लगभग आठ लाख श्रद्धालु पहुंचे, जिनमें पिछले पांच दिनों में रामलला के दरबार में पांच लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किए। दीपोत्सव के दौरान होटल और रेस्टोरेंट 90 फीसदी तक भरे रहे, वहीं जलपान, प्रसाद सामग्री, राम नामी और फोटो विक्रेताओं को भी खूब लाभ हुआ। अनुमान है कि इस पर्व के दौरान अयोध्या की अर्थव्यवस्था में करीब पांच करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ। छोटे कारोबारियों के लिए यह आय सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना अधिक रही। अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान विदेशियों की भी अच्छी खासी संख्या रही। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, कनाड़ा, नीदरलैंड, फिजी, श्रीलंका, इंडोनेशिया, रूस और थाईलैंड के लगभग 100 पर्यटक रामलला, हनुमानगढ़ी और अन्य धार्मिक स्थलों का दर्शन और पूजन करने पहुंचे। कई पर्यटकों ने रामलला की फोटो, प्रसाद और सरयू जल भी अपने साथ ले गए। अर्थशास्त्री प्रो. विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि दीपोत्सव में हुए कारोबार ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बूम करने का काम किया है। कुम्हारों, प्रसाद व्यवसायियों और फेरीवालों की आय सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ गई। उदाहरण के लिए, चंदन बेचने वाले युवक अनिल पांडेय ने बताया कि 18 से 22 अक्टूबर के बीच रोजाना उनकी आय चार से पांच हजार रुपये रही, जबकि आम दिनों में यह केवल 500 रुपये होती थी। अध्ययन के मुताबिक, दीपोत्सव के पांच दिनों में रोजाना लगभग सवा लाख से डेढ़ लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे।
दर्शनार्थियों की संख्या इस प्रकार रही
- 18 अक्टूबर: 85,430
- 19 अक्टूबर: 90,765
- 20 अक्टूबर: 1,17,698
- 21 अक्टूबर: 1,05,430
- 22 अक्टूबर: 1,14,232
इस प्रकार दीपोत्सव ने आध्यात्मिक आनंद और आर्थिक समृद्धि दोनों का संगम प्रस्तुत किया, जिससे अयोध्या का महत्व धार्मिक और आर्थिक दृष्टि से और बढ़ गया।