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अलीगढ़ 15 अक्टूबर । अलीगढ़ की राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर स्थित शीला गौतम सेंटर फॉर लर्निंग सभागार में आयोजित हुआ। समारोह में कुल 47 गोल्ड मैडल और एक कुलाधिपति पदक प्रदान किया गया। राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के उद्बोधन से सभागार तालियों से गूंज उठा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल राजकीय विमान से अलीगढ़ हवाई अड्डे पर पहुँचीं, जहां से डीएम की अगुवाई में कार द्वारा विश्वविद्यालय परिसर पहुँचीं। उनका स्वागत उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्य उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी, वीसी प्रोफेसर एनबी सिंह, कुलसचिव वीके सिंह, परीक्षा नियंत्रक धीरेन्द्र कुमार, वित्त अधिकारी सुदर्शन, सांसद अनूप प्रधान और जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने किया। समारोह में राज्यपाल ने एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) टीकाकरण कार्यक्रम में भाग लिया और जनपद अलीगढ़ की 9 से 14 वर्ष की बालिकाओं को टीका लगवाया।

दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पण कर किया गया। इसके बाद राष्ट्रगीत, वेद बटुकों द्वारा स्वस्तिवाचन और विश्वविद्यालय के कुलगीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। वीसी प्रोफेसर एनबी सिंह ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सत्र 2024-25 की 44,139 स्नातक और 7,361 परास्नातक उपाधियों को डिजीलॉकर में अपलोड करने की जानकारी दी, जिससे छात्र-छात्रा आसानी से अपनी डिग्री और अंक पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। स्नातक स्तर में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्रा नेहा को कुलाधिपति पदक प्रदान किया गया। इसके बाद विभिन्न कोर्सों में 17 स्वर्ण पदक स्नातक और 30 स्वर्ण पदक परास्नातक छात्रों को प्रदान किए गए। समारोह में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने पर्यावरण गीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। विश्वविद्यालय ने आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर कमल किशोर पंत को डी.लिट. की मानद उपाधि प्रदान की। साथ ही विश्वविद्यालय की दीक्षांत स्मारिका और बच्चों द्वारा लिखित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक भवन 3 एवं अतिथि ग्रह का शिलान्यास किया। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्राओं को पुरस्कार दिए गए। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को आवश्यक किट और प्राथमिक विद्यालयों को पुस्तकें प्रदान की गईं। राज्य उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि बेटियां देश की दिशा बदलने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपनों को अपना लक्ष्य बनाने की प्रेरणा दी। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि समाज के लिए मॉडल बनें और स्वदेशी अपनाएं। आईआईटी रुड़की के निदेशक ने ई-कचरा और वेस्ट मैनेजमेंट की उपयोगिता पर जोर दिया और छोटे उद्योगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने की सलाह दी।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दीक्षांत भारतीय शिक्षा परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिग्रियों और अंक पत्रों को डिजीलॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्रों की 75% उपस्थिति अनिवार्य करने और हॉस्टल एवं लाइब्रेरी में फर्नीचर की व्यवस्था का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने एचपीवी वैक्सीन के महत्व पर जोर देते हुए माता-पिता से बच्चों को स्वास्थ्य टीकाकरण कराने की अपील की। राज्यपाल ने नशे, लिव-इन रिलेशनशिप और पॉक्सो एक्ट पर खुलकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि माता-पिता की अनुमति के बिना किसी के साथ रहना गलत है और बेटियों की सुरक्षा समाज की जिम्मेदारी है।

दीक्षांत समारोह का संचालन प्रोफेसर इन्दु वार्ष्णेय ने किया। समारोह में सांसद अनूप प्रधान, विधायक राज कुमार सहयोगी, मंडलायुक्त संगीता सिंह, डीएम संजीव रंजन, एसएसपी नीरज जादौन, उप कुलसचिव पवन कुमार, दीक्षांत समारोह समिति के समन्वयक प्रो. सुभाष चौधरी, प्रो. अंजना कुमारी, प्रो. नीता वार्ष्णेय, प्रो. चन्द्रवीर सिंह, प्रो. ईश्वर चन्द्र गुप्ता, प्रो. कृष्णा अग्रवाल, प्रो. गीतिका सिंह, डॉ. निर्मेश सेंगर सहित विश्वविद्यालय के कई वरिष्ठ शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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