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अलीगढ़ 08 अक्टूबर । मंगलायतन विश्वविद्यालय ने फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में नई उपलब्धि दर्ज की है। विश्वविद्यालय को फार्म डी. (डॉक्टर ऑफ फार्मेसी) और एम. फार्म  (मास्टर ऑफ फार्मेसी) पाठ्यक्रमों की मान्यता फार्मेसी काउंसिल आॅफ इंडिया से प्राप्त हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि इन पाठ्यक्रमों की शुरुआत से न केवल क्षेत्रीय, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली मजबूत होगी और विद्यार्थियों को पेशेवर स्तर पर नई चुनौतियों से निपटने का अवसर मिलेगा। मंगलायतन विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। विश्वविद्यालय यूजीसी से मान्यता प्राप्त है और “लर्न टुडे टू लीड टुमारो” के मूल मंत्र पर शिक्षा प्रदान करता है। शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है कि विश्वविद्यालय को नेक द्वारा ए प्लस ग्रेड भी दिया जा चुका है। वर्तमान में यहां इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कानून, शिक्षा, नर्सिंग, कला, फार्मेसी, पत्रकारिता समेत विभिन्न विषयों में स्नातक, परास्नातक और शोध स्तरीय पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित न रखना है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और उद्योग आधारित प्रशिक्षण भी प्रदान करना है। आयोजित पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो. पीके दशोरा, कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह और परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने नए पाठ्यक्रमों की विशेषताओं और उनके महत्व पर विस्तार से चर्चा की।

कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि फार्म डी और एम. फार्म पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए रोजगार और कौशल विकास के अवसर लेकर आएंगे। इन पाठ्यक्रमों से न केवल छात्रों को उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त होगी, बल्कि उन्हें क्लिनिकल और औद्योगिक अनुभव भी मिलेगा। विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि हर विद्यार्थी अपने क्षेत्र में दक्ष और पेशेवर बने। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय फार्मेसी शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाएगा। कुलपति ने विशेष रूप से कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि प्रत्येक छात्र का शैक्षणिक अनुभव व्यावहारिक और पेशेवर रूप से समृद्ध हो। उन्होंने बताया कि फार्मेसी पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय की यात्रा की नींव से ही प्रमुख आधार रहे हैं। बी. फार्म और डी. फार्म से शुरुआत करते हुए विश्वविद्यालय ने लगातार विश्वस्तरीय अधोसंरचना, इंडस्ट्री-रेडी प्रशिक्षण और उत्कृष्टता की परंपरा के साथ नए मानक स्थापित किए हैं। आज मंगलायतन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनिंदा शैक्षणिक संस्थान में शामिल है, जो फार्मेसी शिक्षा का संपूर्ण स्पेक्ट्रम प्रदान करता है। बड़ी संख्या में छात्र सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होकर स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके हैं और विश्वविद्यालय व देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा हमारा लक्ष्य है कि छात्रों को केवल किताबों तक सीमित न रखा जाए। नए पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राएं अस्पतालों, उद्योगों और शोध संस्थानों से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे। यह उन्हें वास्तविक कार्य परिस्थितियों में दक्ष बनाएगा। अनुभवी और योग्य फैकल्टी तथा आधुनिक प्रयोगशालाओं से सुसज्जित मंगलायतन में छात्र एचपीएलसी, जैल डॉक, इंडस्ट्रियल टैबलेट मशीन और स्पेक्ट्रोफोटोमीटर जैसे उन्नत उपकरणों पर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। ऐसी सुविधाएं इस क्षेत्र में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं। इंडस्ट्रियल लेवल मशीन रूम छात्रों को आत्मविश्वास और दक्षता के साथ फार्मास्यूटिकल दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है। कुलसचिव ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय ने उद्योग और अस्पतालों के साथ साझेदारी स्थापित की है, ताकि छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के दौरान वास्तविक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का अनुभव हो।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा ने कहा मंगलायतन विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए अनुभवी संकाय और अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा छात्रों को उद्योग और अस्पतालों के सहयोग से प्रशिक्षण देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। हमारा उद्देश्य है कि छात्र न केवल शैक्षणिक बल्कि पेशेवर क्षेत्र में भी सक्षम बनें। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय इन पाठ्यक्रमों में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना बना रहा है। हमारा लक्ष्य ऐसी शिक्षा देना है, जो अकादमिक उत्कृष्टता और व्यावहारिक कौशल का संगम हो, ताकि हमारे स्नातक वैश्विक उद्योग में अलग पहचान बना सकें। वहीं प्राचार्य प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी ने बताया कि फार्म डी. कोर्स की मांग विदेशों में सबसे अधिक है। हम यहां हाॅस्पिटल के साथ ही बेहतर प्रयोगशालाएं व उन मशीनों के माध्यम से प्रयोगात्मक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं जो सभी जगह उपलब्ध नहीं हैं। इस अवसर पर मनीषा उपाध्याय, योगेश कौशिक, मयंक जैन, रोहित आदि थे।

नए पाठ्यक्रमों की विशेषताएं

फार्म डी. एक छह वर्षीय पेशेवर डॉक्टरेट कार्यक्रम है, जिसमें पांच वर्ष अध्ययन और एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल है। इसमें विद्यार्थियों को क्लिनिकल फार्मेसी, दवा उपचार प्रबंधन और अस्पताल फार्मेसी का प्रत्यक्ष अनुभव कराया जाएगा। वहीं एम. फार्म दो वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम है। इसमें फार्मास्युटिक्स, औषधि रसायन और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस कोर्स से शोध और शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा होंगी।

विद्यार्थियों के लिए संभावित लाभ

फार्म डी. और एम. फार्म पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में व्यावसायिक अवसर प्राप्त होंगे। फार्मासिस्ट और क्लिनिकल फार्मासिस्ट के रूप में अस्पतालों, क्लीनिकों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्य करने का मार्ग खुल जाएगा। यह उन्हें रोगियों के साथ सीधे जुड़ने और उनकी दवा प्रबंधन प्रक्रिया में सक्रिय योगदान देने का मौका देगा। इन पाठ्यक्रमों की विशेषज्ञता छात्रों को अस्पताल फार्मेसी, फार्मास्युटिकल कंपनियों, अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) विभाग, गुणवत्ता नियंत्रण और नियामक मामलों में कार्य करने की क्षमता प्रदान करेगी। इससे उन्हें उद्योग में व्यावसायिक रूप से उन्नत अवसर प्राप्त होंगे और वे भविष्य में उच्च पदों तक पहुंच सकते हैं। एम. फार्म पाठ्यक्रम विशेष रूप से शोध और नवाचार को बढ़ावा देता है। छात्र नई औषधियों के विकास, फार्मास्युटिकल प्रक्रियाओं में सुधार, प्रयोगशाला प्रोटोकॉल और नैदानिक (क्लीनिकल) परीक्षणों में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं। यह न केवल उनके पेशेवर कौशल को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें वैज्ञानिक शोध और अकादमिक योगदान के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाता है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन किए गए हैं। इससे छात्र न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपने कौशल और ज्ञान का प्रदर्शन कर सकते हैं। वैश्विक फार्मास्युटिकल उद्योग में अवसर प्राप्त करना, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और शोध प्रोजेक्ट्स में भाग लेना अब उनके लिए संभव होगा। छात्रों को अस्पतालों, उद्योग और शोध संस्थानों में इंटर्नशिप के माध्यम से वास्तविक अनुभव मिलेगा। इस दौरान वे विशेषज्ञों के साथ नेटवर्किंग कर सकते हैं, जो उनके करियर निर्माण और भविष्य के पेशेवर अवसरों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।

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