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अलीगढ़ 26 सितम्बर । मंगलायतन विश्वविद्यालय में शुक्रवार की सुबह ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय महामंत्री एवं वर्तमान संरक्षक बड़े दिनेश जी रहे। उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने समाज की तीन व्यवस्थाएं स्थापित की थीं। पहली व्यवस्था परिवार थी, जहां बच्चों को संस्कार दिए जाते थे। दूसरी व्यवस्था शिक्षण संस्थानों की थी, जहां आवश्यक शिक्षा के साथ सदाचार, नैतिक शिक्षा और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा दी जाती थी। तीसरी व्यवस्था धार्मिक थी, जिसमें संत और ग्रंथ परंपरा समाज का मार्गदर्शन करती थी। उन्होंने विदेशी आक्रांताओं के भारत में प्रवेश और प्रभाव पर भी चर्चा की। कहा कि अंग्रेजी हुकूमत हमारे तीन हजार से अधिक ग्रंथ और पुस्तकें अपने साथ ले गई। इसके बावजूद विदेशी आक्रांताओं के अत्याचार हमारी विचारधारा को समाप्त नहीं कर सके। अंग्रेजों ने मैकाले की शिक्षा पद्धति थोपकर हमें मानसिक रूप से गुलाम बनाने का प्रयास किया और भारतीय समाज के भीतर भ्रांति फैलाई। शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता माना जाता है और स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय रहा है। आज भी शिक्षण संस्थान ही राष्ट्र निर्माण की धुरी बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर देशभक्ति का राष्ट्रीय चरित्र आवश्यक है और शिक्षण संस्थानों के माध्यम से देश में बड़ा बदलाव हो रहा है। मंगलायतन विश्वविद्यालय भी इस दिशा में कार्य कर रहा है और भारतीय मूल विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है।

कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में समाज और विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है। बढ़ती छात्र संख्या विश्वविद्यालय पर बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा के लिए प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति और विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियां विश्वविद्यालय की पहचान बन रही हैं।

चेयरमैन हेमंत गोयल ने कहा कि पुरातन शिक्षा पद्धति हमारे भविष्य का बड़ा विषय है और इस दिशा में मार्गदर्शन कारी विचार आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल की शिक्षा को सोशल मीडिया से बाहर लाकर गंभीरता से आत्मसात करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होंने बड़े दिनेश जी सहित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह के संबोधन से हुई। उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए संकाय सदस्यों का परिचय कराया और कहा कि मंगलायतन विश्वविद्यालय युवाओं को बेहतर मंच देकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में अग्रसर है। इस अवसर पर डीडी किसान के डायरेक्टर नरेश सिरोही, अशोक कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. दिनेश शर्मा, डीन रिसर्च प्रो. रविकांत, डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत समेत सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

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