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मथुरा 02 सितम्बर । इंसान की जीवन शैली के साथ उसका खानपान भी बदल रहा है। लोग अच्छी सेहत की बजाय स्वाद को वरीयता देकर स्वयं को बीमार कर रहे हैं। यह समूचे राष्ट्र के लिए चिन्ता की बात है। पोषण आहार के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से इस समय के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जा रहा है। मंगलवार को मेडिकल छात्र-छात्राओं ने बिना आग के स्वादिष्ट पोषण आहार बनाकर लोगों को स्वस्थ रहने का संदेश दिया तथा निर्णायकों की वाहवाही लूटी।

बिना आग के स्वादिष्ट पोषण आहार प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक डिसेज बनाईं जिनका निर्णायकों ने न केवल स्वाद चखा बल्कि उनकी मुक्तकंठ से सराहना भी की। डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने मेडिकल बच्चों द्वारा बिना आग के तैयार किए गए व्यंजनों की तारीफ करते हुए कहा कि आजकल ज्यादातर लोग जंक फूड और बाहर का खाना पसंद करते हैं, जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। डॉ. अशोका ने पारम्परिक भोजन दाल, चावल, सब्जी और रोटी को स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आहार में लगभग सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, इनमें यदि मौसमी फल और सलाद भी शामिल कर लिया जाए तो भोजन संतुलित बन जाता है। डॉ. अशोका ने कहा कि हमें स्वाद से ज्यादा स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने आहार में फल और सब्जियों, प्रोटीन, साबूत अनाज के साथ दूध और दही शामिल करने का सुझाव दिया तथा जंक फूड, अधिक तेल, नमक और चीनी से बचने की सलाह दी।

निर्णायकों डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अम्बरीश कुमार, महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वी.पी. पांडेय, विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ. मंजू पांडेय, विभागाध्यक्ष क्षय रोग डॉ. एस.के. बंसल, विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी डॉ. प्रणीता जसवंत सिंह, डॉ. गौरीशंकर गोयल आदि ने छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित व्यंजनों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए टीम-बी को विजेता, टीम-सी को उपविजेता तथा टीम-ए को तीसरा स्थान प्रदान करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सभी निर्णायकों ने संतुलित आहार को स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क के लिए जरूरी बताया।

विभागाध्यक्ष सामुदायिक चिकित्सा डॉ. अमनजोत कौर चौहान ने बताया कि हम राष्ट्रीय पोषण आहार सप्ताह में विभिन्न माध्यमों से यह संदेश दे रहे हैं कि जीवन में पोषण आहार क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों को संतुलित आहार, सही खानपान की आदतें अपनाने, कुपोषण रोकने और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस साल की थीम ‘ईट राइट फॉर ए बेटर लाइफ’ यानी बेहतर जीवन के लिए सही खानपान अपनाएं है। इसका मतलब पेट भरना नहीं बल्कि सही खानपान पर जोर देना है। उन्होंने कहा कि कम तेल, कम नमक और कम चीनी का उपयोग करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। इस अवसर पर डॉ. बिश्वाविनोद सानफुई, डॉ. स्वेता सिंह, डॉ. शुभ्रा दुबे, डॉ. अमन गुप्ता, डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. अंकुर कुमार, राजकुमार, इंद्रेश्वर उपमन्यु आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निशांत गुप्ता ने किया तथा आभार डॉ. अमनजोत कौर ने माना।

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