मथुरा 19 अगस्त । रेडिसन ब्लू, कौशाम्बी, गाजियाबाद में पैक्स फाउंडेशन द्वारा पल्मोनोलॉजी विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर की एसोसिएट प्रो. (डॉ.) शुभम (एमडी पल्मोनोलॉजी और पीडीएफ इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी) को राइजिंग स्टार अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह अवॉर्ड उन्हें देश के जाने-माने पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. एस.के. जिन्दल के करकमलों से प्रदान किया गया। राइजिंग स्टार अवॉर्ड हासिल करने वाली डॉ. शुभम मथुरा की पहली इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट हैं।
तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में देश-दुनिया के विशेषज्ञ पल्मोनोलॉजिस्टों की उपस्थिति में डॉ. शुभम ने फेफड़ों और श्वसन तंत्र से संबंधित विषयों पर नवीनतम अनुसंधान, उपचार और प्रौद्योगिकी पर प्रकाश डाला। डॉ. शुभम ने पल्मोनोलॉजी पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि श्वसन तंत्र इंसान के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि फेफड़े श्वसन तंत्र का एक मुख्य अंग हैं। श्वसन तंत्र की समस्याओं के कारण ही फेफड़ों तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और इंसान बीमार पड़ जाता है।
डॉ. शुभम ने अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों का कैंसर, निमोनिया और स्लीप एपनिया पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि फेफड़े इंसान के श्वसन तंत्र का पावरहाउस हैं, जो हर दिन अथक परिश्रम करते हैं। प्रत्येक इंसान औसतन प्रतिदिन लगभग 23 हजार बार सांस लेता है। प्रत्येक सांस के दौरान हमारे फेफड़े अपशिष्ट को फिल्टर करते हैं और ऑक्सीजन को हमारे रक्तप्रवाह में प्रवाहित करते हैं, जो फिर हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका तक जाती है। उन्होंने ब्रोंकोस्कोपी, थोरैकोस्कोपी और इंटरवेंशनल तकनीक को सांस की समस्या से पीड़ित मरीजों के उपचार में काफी मददगार बताया। इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में देश-दुनिया के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पल्मोनोलॉजी यानी फेफड़ों के रोगों से संबंधित चिकित्सा पर अपने-अपने विचार साझा किए। कॉन्फ्रेंस के समापन अवसर पर विशेषज्ञों ने पल्मोनोलॉजी विषय पर डॉ. शुभम द्वारा साझा किए गए विचारों की न केवल प्रशंसा की बल्कि उन्हें राइजिंग स्टार अवॉर्ड से भी सम्मानित किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, के.डी. मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन मनोज अग्रवाल तथा डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने डॉ. शुभम की इस उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए इसे ब्रज मण्डल के लिए गौरवशाली क्षण बताया। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि समय के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी काफी बदलाव हो रहे हैं। के.डी. मेडिकल कॉलेज शोध के क्षेत्र में निरंतर प्रयासरत है।
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि हम चाहते हैं कि चिकित्सा का यह संस्थान अनुसंधान के क्षेत्र में समूचे देश में नजीर स्थापित करे। उन्होंने डॉ. शुभम को बधाई देते हुए अन्य चिकित्सकों तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वह किताबी ज्ञान हासिल करने के साथ ही विभिन्न बीमारियों पर अनुसंधान अवश्य करें। चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने कहा कि डॉ. शुभम को राइजिंग स्टार अवॉर्ड मिलना उनकी लगन और मेहनत का प्रतिफल है। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस उपलब्धि से के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर परिवार अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।