लखनऊ 07 जून । उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण व्यवस्था को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के लिए स्टांप एवं पंजीकरण विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। अब विवाह पंजीकरण की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी विभाग के अपर महानिरीक्षक (AIG) को सौंपी गई है। एआईजी प्रतिदिन उप रजिस्ट्रारों द्वारा किए जा रहे विवाह पंजीकरण कार्यों की समीक्षा करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि पंजीकरण से जुड़ी निर्धारित गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन हो रहा है या नहीं।
अभी बने पुराने नियमों के पालन के जिम्मेदार IG
जब तक विवाह पंजीकरण के नए नियमों को विधिवत रूप से अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता, तब तक पूरे प्रदेश में इन दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी स्टांप एवं पंजीकरण विभाग के महानिरीक्षक (IG) को दी गई है। विभाग ने सभी डिप्टी रजिस्ट्रारों को निर्देश दिया है कि वे इन नियमों का पूरी तरह से पालन करें।
विवाह पंजीकरण के लिए अब अनिवार्य होगा शपथ-पत्र और वीडियो रिकॉर्डिंग
नई व्यवस्था के तहत, विवाह पंजीकरण के समय पुरोहित या विवाह संपन्न कराने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा एक शपथ-पत्र (हलफनामा) देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस शपथ-पत्र में निम्न जानकारियाँ अनिवार्य होंगी :
- पुरोहित का नाम और पिता का नाम
- स्थायी व वर्तमान पता
- आधार कार्ड की प्रति
- मोबाइल नंबर व पासपोर्ट साइज फोटो
- यह घोषणा कि उक्त व्यक्ति ने विवाह संपन्न कराया है।
- साथ ही, विवाह समारोह की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अनिवार्य होगी, विशेष रूप से भागे हुए जोड़ों के मामलों में।
डिप्टी रजिस्ट्रार की जवाबदेही तय
हर डिप्टी रजिस्ट्रार विवाह प्रमाण-पत्र के पीछे यह स्पष्ट रूप से दर्ज करेगा कि हाईकोर्ट की 14 अक्टूबर 2024 की अधिसूचना के निर्देशों का अनुपालन किया गया है। शपथ-पत्र की सावधानीपूर्वक जांच की गई है। संबंधित व्यक्ति की उपस्थिति में विवाह संपन्न हुआ है।
मासिक रिपोर्ट और निगरानी का तंत्र मजबूत
सभी विवाह पंजीकरण मामलों में दिशा-निर्देशों के पालन की मासिक प्रविष्टियाँ संबंधित कार्यालयों के रजिस्टर में दर्ज की जाएंगी। साथ ही, संबंधित एआईजी यह निगरानी सुनिश्चित करेंगे कि डिप्टी रजिस्ट्रार पूरी प्रक्रिया को ईमानदारी और नियमानुसार निभा रहे हैं।