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मथुरा 15 अप्रैल । मौजूदा समय सूचना क्रांति का है। आज जितने भी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित हो रहे हैं उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की बड़ी भूमिका है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कम्प्यूटर साइंस की ऐसी एडवांस शाखा है, जिसमें एक मशीन को कम्प्यूटर प्रोगामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है ताकि वह इंसानों की तरह सोच सके और फैसले ले सके। यह बातें राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित वर्कशाप में जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताईं।

प्रो. अवस्थी ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक ऐसा कम्प्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने की कोशिश होती है जिसके आधार पर एक इंसान का दिमाग काम करता है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (ए.आई.) के क्षेत्र में करियर की अपार सम्भावनाएं हैं। आज विश्व के 70 फीसदी से अधिक संगठन ए.आई. का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पेशेवर सेवाओं और विभिन्न व्यावसायिक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का समाधान करते हुए उन्होंने कहा कि आज और आगे वाली पूरी शिक्षा प्रणाली तथा शिक्षण की तकनीकों को फिर से सुधारने, नए सिरे से डिजाइन करने में ए.आई. की महत्वपूर्ण भूमिका है। ए.आई. के प्रयोग से हम अपने रोजमर्रा के जीवन में भी सुधार ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि आज के समय में ए.आई. के नवाचारों से कई बड़े उद्योग प्रगति की राह पर हैं। ए.आई. के प्रयोग से सुविधाजनक तकनीकों का व्यापक रूप से प्रयोग हो रहा है। ऐसी तकनीकें कारपोरेट जगत में छोटे-बड़े सभी उद्योगों को ए.आई. के माध्यम से उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में ए.आई. के माध्यम से हम किसी भी विषय में सटीक पूर्वानुमान लगा सकते हैं।

प्रो. अवस्थी ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि यदि भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महाशक्ति बनाना है तो हमें अपने कौशल में सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ए.आई. स्वास्थ्य सेवा, भवन निर्माण से लेकर शिक्षा, खेलकूद, बैंकिंग, परिवहन आदि क्षेत्रों में क्रांति लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में  परिवहन, संचार, उद्योग और उपभोक्ता उत्पादों पर ए.आई. का बहुत प्रभाव है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की अच्छाई और बुराई की जानकारी होना बहुत जरूरी है।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि उन्होंने वर्कशॉप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पर जो भी जानकारी हासिल की है, उस पर लगन और मेहनत से विचार मंथन करें ताकि भविष्य में जॉब सर्च करने में उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से परिश्रमपूर्वक अध्ययन करने तथा अपनी नॉलेज को अपडेट रखने की सीख दी। आरआईएस की हेड प्रिया मदान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करने के लिए प्रो. नीता अवस्थी का आभार माना। साथ ही विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे आज की वर्कशॉप से मिली जानकारी का आधार लेकर अपने भविष्य की संरचना तैयार करें।

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