लखनऊ 20 मार्च । यूपी में विधायकों के काफिले की गाड़ियों पर लगे पास रद्द किये जाएंगे। विधानसभा पास व्यवस्था खत्म होगी और नए नियम यूपी में लागू किये जायेंगे। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी पुराने पास निरस्त करने के निर्देश दिये हैं। अगले माह अप्रैल के अंत तक जारी सभी विधानसभा पास रद्द होंगे। नए नियमों के तहत अब रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन पास जारी होंगे। नए नियमों के तहत हर विधायक को सिर्फ 2 पास मिलेंगे। वर्तमान में, विधायकों और पूर्व विधायकों के वाहनों पर कई विशेष पास लगे होते हैं, जिससे बिना किसी जांच के गाड़ियां सरकारी दफ्तरों और विधानसभा में प्रवेश कर जाती हैं। लेकिन अब सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए तय किया है कि हर विधायक को सिर्फ दो पास ही मिलेंगे। पूर्व विधायकों के नाम पर जारी पास पूरी तरह रद्द होंगे। अप्रैल के अंत तक सभी मौजूदा पास अमान्य हो जाएंगे। अब केवल RFID तकनीक से लैस पास जारी किए जाएंगे, जिन्हें स्कैन करके वाहन की प्रमाणिकता की पुष्टि की जाएगी। इस निर्णय पर विधायकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ विधायकों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए यह एक अच्छा कदम है, जबकि कुछ ने शिकायत की है कि सिर्फ दो पास पर्याप्त नहीं हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला
उत्तर प्रदेश में फर्जी पास के इस्तेमाल और वीआईपी कल्चर के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। विधानसभा और सरकारी भवनों में बिना अनुमति कई गाड़ियां प्रवेश कर जाती हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं।
RFID पास कैसे काम करेगा
RFID पास एक डिजिटल पास होगा, जिसमें गाड़ी और विधायक की पूरी जानकारी एम्बेडेड होगी। इस पास को स्कैनर द्वारा चेक किया जाएगा, जिससे फर्जी पास और अनधिकृत गाड़ियों पर रोक लग सकेगी। यह पास केवल अधिकृत वाहनों को ही मिलेगा, जिससे सुरक्षा मानकों में सुधार होगा। इस नए नियम के बाद उन लोगों पर बड़ा असर पड़ेगा जो विधायकों के नाम पर अनधिकृत पास प्राप्त करके सरकारी भवनों और अन्य सुरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे थे। अब बिना प्रमाणिक पास के किसी भी वाहन को सरकारी परिसरों में प्रवेश नहीं मिलेगा।