नई दिल्ली 28 जून । नीट और यूजीसी नेट पेपर लीक मामलों की जांच के बीच केंद्र सरकार एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। बीते पांच मई को देशभर में नीट यूजी परीक्षा हुई थी। इस साल करीब 24 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन किया था। नीट यूजी पेपर लीक का मामला गर्म ही था कि एनटीए ने अचानक से इसका रिजल्ट जारी कर सबको चौंका दिया था।
नीट यूजी पेपर लीक मामला सीबीआई को सौंपा जा चुका है। इसमें हर दिन चौंकाने वाले नए खुलासे हो रहे हैं। नीट यूजी पेपर लीक की जांच के बीच एनटीए प्रमुख को भी बदल दिया गया। मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पास करना जरूरी है। नीट को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है। अगर आपके पास भी नीट यूजी परीक्षा या एनटीए की अन्य परीक्षाओं को ट्रांसपेरेंट बनाने का कोई सुझाव है तो आप केंद्र सरकार तक उसे पहुंचा सकते हैं।
हाई लेवल समिति की लेंगे मदद
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए हर साल कई बड़ी परीक्षाएं आयोजित करवाता है। इनमें नीट यूजी, सीयूईटी यूजी, सीयूईटी पीजी, यूजीसी नेट शामिल हैं। इस साल नीट यूजी पेपर लीक हुआ, फिर यूजीसी नेट और नीट पीजी को रद्द करने का फैसला लिया गया। बता दें कि सीयूईटी यूजी 2024 के कुछ परीक्षा केंद्रों से भी पेपर लीक होने की खबरें आई थीं। केंद्र सरकार ने एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं को ट्रांसपेरेंट और कदाचार से मुक्त बनाने के लिए हाई लेवल समिति का गठन किया है।
कॉमन मैन से भी मांगे सुझाव
नीट यूजी व यूजीसी नेट परीक्षा विवाद के चलते एनटीए की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। कई लोग नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को भंग करने की मांग भी कर चुके हैं। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने लोगों से परीक्षा को पारदर्शी और कदाचार मुक्त बनाने के लिए सुझाव मांगे हैं। अगर इस संबंध में आपके पास कोई आइडिया है तो आप 07 जुलाई 2024 तक वेबसाइट innovateindia.mygov.in/examination-reforms-nta पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।