
लखनऊ 11 दिसंबर । भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर महीनों से चल रही अटकलें अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई हैं। प्रांतीय परिषद के सदस्यों की घोषणा के साथ ही संगठन में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। यह वही परिषद है, जिसके सदस्य प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। पार्टी के भीतर तैयारियां पूरी हैं और परिस्थितियां यह भी बयां कर रही हैं कि 14 दिसंबर को भाजपा अपना प्रदेश अध्यक्ष चुन लेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 13 दिसंबर को नॉमिनेशन फॉर्म भरा जाएगा। चुनाव को लेकर केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पीयूष गोयल और विनोद तावडे लखनऊ जाएंगे और 14 दिसंबर को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव लखनऊ में होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही संगठन में भी बड़े फेरबदल की संभावना जतायी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक ब्राह्मण, एक दलित और तीन ओबीसी नेता के नाम रेस में सबसे आगे चल रहे है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनने की संवैधानिक प्रक्रिया के तहत सबसे पहले प्रांतीय परिषद के सदस्य तय किए जाते हैं। 403 विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक सदस्य चुना जाता है। हालांकि, यह वहीं से चुने जाते हैं जहां के जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके होते हैं। भाजपा ने 98 जिलों में प्रदेश को बांटा हुआ है। इसमें से 84 जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके हैं।इसके अलावा पार्टी के विधानमंडल और संसद सदस्यों में से 10-10 प्रतिशत सदस्य परिषद में शामिल होते हैं। यूपी में अपने संगठनात्मक 84 जिलों की 327 प्रदेश परिषद सदस्यों की घोषित कर दिए है।
भाजपा के विधान सभा में 258 व विधान परिषद के 79 सदस्य हैं यानी कुल 337 सदस्य हैं। इनमें से 34 परिषद के सदस्य बनेंगे। इसी प्रकार लोक सभा में 33 व राज्य सभा में 24 यानी कुल 57 सदस्यों में छह सदस्य प्रांतीय परिषद में शामिल होंगे। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए केवल 50 प्रतिशत से अधिक जिलाध्यक्षों का चयन जरूरी था, जबकि वर्तमान में 86 प्रतिशत जिलाध्यक्षों का चयन हो चुका है। इसी प्रकार 1918 मंडलों में से 1600 से अधिक में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव प्रक्रिया में अब कोई तकनीकी बाधा नहीं है। यूं तो भाजपा में परंपरागत रूप से अध्यक्ष का चयन आमतौर पर सर्वसम्मति से होता है, लेकिन प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी निभाई जाएगी।















