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लखनऊ 06 दिसंबर । आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि अप्रैल से नवंबर माह के बीच विभाग ने 35,144 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त 30,402.34 करोड़ रुपये की तुलना में 4,741.77 करोड़ रुपये यानी 15.59 प्रतिशत अधिक है। निर्धारित लक्ष्य 37,900 करोड़ रुपये के सापेक्ष विभाग ने 92.73 प्रतिशत राजस्व हासिल करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन दर्ज किया है। केवल नवंबर माह में ही 4,486 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है। मंत्री ने कहा कि अवैध शराब के विरुद्ध कठोर कार्रवाई विभाग की शीर्ष प्राथमिकता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अक्टूबर माह तक प्रदेश में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री और तस्करी से जुड़े कुल 70,017 मुकदमे दर्ज किए गए। इस अवधि में 18.5 लाख लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई, जबकि अवैध कारोबार में शामिल 13,243 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और इनमें से 2,464 को जेल भेजा गया। नवंबर माह में विभाग की दैनिक प्रवर्तन कार्रवाई के तहत 10,002 प्राथमिकी दर्ज कराते हुए 2.35 लाख बल्क लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई। इसी दौरान 1,812 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, 297 को जेल भेजा गया तथा अवैध तस्करी में प्रयुक्त 14 वाहनों को जब्त किया गया।

इसी बीच आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कुछ दिनों का लाइसेंस लेकर प्रतिदिन शराब परोसने वाले रेस्टोरेंट और होटलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ऐसे मामलों में लाइसेंस निरस्त करने और इसमें लिप्त विभागीय अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। विभाग के संज्ञान में आया है कि कई जिलों में रेस्टोरेंट और होटल सप्ताह में कुछ दिनों के लिए बार लाइसेंस लेकर बाकी दिनों में भी शराब परोसते हैं, जिससे राजस्व को क्षति पहुँचती है और विभाग की छवि प्रभावित होती है। कुछ प्रकरणों में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है, जो नियमित बार लाइसेंस के लिए आवेदन करने में रेस्टोरेंट-होटलों की मदद नहीं करते या उन्हें हतोत्साहित करते हैं।

इसके अलावा कुछ क्लब बार के लाइसेंस बिना उचित पंजीकरण और वैधानिक परीक्षण के ही नवीनीकृत किए जा रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है। इस पर सख्ती दिखाते हुए आयुक्त ने निर्देश दिया है कि सभी क्लब बार लाइसेंसों के नवीनीकरण से पहले उनके पंजीकरण, दस्तावेज और विधिसम्मत संचालन का गहन परीक्षण किया जाए। इस प्रक्रिया में अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही निर्धारित कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। साथ ही विकास प्राधिकरणों, पुलिस तथा अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।

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