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लखनऊ 03 दिसम्बर । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में किसानों और पशुपालकों को कई सुविधायें दी जा रही है। प्रदेश में पशुपालनऔर कृषि साथ-साथ होते रहे है। प्रदेश मेें दूध की अधिक माँग होने से दुधारू पशुपालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पशुपालन पर विशेष सुधार सुविधायें आदि देने का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2021 में 321 ग्राम था जो वर्ष 2024 में बढ़कर 471 ग्राम हो गया है। प्रदेश सरकार नस्ल सुधार बायोगैस प्लांट की स्थापना, पशुपालकों को प्रशिक्षण और डेयरी नीतियों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दे रही है। उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत प्रदेश में डेयरी उत्पाद की स्थापना और आधुनिकीकरण के लिए रूपये 05 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है।

प्रदेश सरकार इस नीति के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों में दुग्ध प्रसंस्करण एवं दुग्ध उत्पाद विनिर्माण दुग्धशाला इकाईयों की स्थापना अथवा विस्तारीकरण (विद्यमान क्षमता में न्यूनतम 25 प्रतिशत की वृद्धि किये जाने की दशा में ही) के लिये प्लान्ट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य एवं स्पेयर पार्ट्स की लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम रू0 5.00 करोड़ की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध करा रही है। इसमें नवीन पशु आहार एवं पशु पोषण उत्पाद निर्माणशाला इकाई स्थापित किये जाने हेतु प्लान्ट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य तथा स्पेयर पार्टस की लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम रू0 5.00 करोड़ की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। उप्र दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के अन्तर्गत विद्यमान डेयरी प्लान्ट में आधुनिक तकनीकी उन्नयन अथवा स्टार्ट-अप जैसे स्काडा सिस्टम, न्यू जेनरेशन तकनीक की मशीनरी एवं उपकरण आदि की स्थापना पर प्लान्ट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य तथा स्पेयर पार्ट्स की लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम रू0 2.50 करोड़ की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है।

डेयरी प्लांट के बाहर फील्ड में ट्रेसेबिलिटी एवं क्वालिटी कन्ट्रोल उपकरण जैसे डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट (ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट)/विलेज लेवल कलेक्सन सेंटर हेतु क्रय की गई मशीनरी, तथा स्पेयर पार्टस की लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम रू01.00 करोड़ की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। रेफ्रीजरेटेड वैन/इन्सुलेटेड वैन/रोड मिल्क टैंकर, बल्क मिल्क कूलर, आइसक्रीम ट्राली/डीप फ्रीजर इत्यादि कोल्ड चेन प्रणाली की स्थापना एवं क्रय तथा चिलिंग प्लांट की स्थापना/कोल्ड रूम हेतु प्लान्ट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य तथा स्पेयर पार्ट्स की लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम रू 0 1.00 करोड़ की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इस नीति के तहत पशु आहार एवं पशु पोषण उत्पाद निर्माण शाला इकाई के विस्तारीकरण (मौजूदा क्षमता में न्यूनतम 25 प्रतिशत की वृद्धि किये जाने की दशा में) प्लान्ट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य एवं स्पेयर पार्टस की लागत पर 35 प्रतिशत, अधिकतम रु 02.00 करोड़ की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले मूल्य संवर्धित दुग्ध उत्पाद जैसे-चीज, आइसक्रीम आदि का विनिर्माण करने वाली इकाईयों को प्लान्ट मशीनरी की स्थापना हेतु क्रय की गई मशीनरी की लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 50.00 लाख की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। इस प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत प्रदेश में सैकड़ों करोड़ रूपयों का निवेश हो रहा है।

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