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मथुरा 24 नवंबर । संस्कृति विश्वविद्यालय के संतोष मेमोरियल ऑडिटोरियम में आयोजित मंथन इंडिया: इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025 के चरणबद्ध सत्रों में इनोवेशन मॉडल, फंडिंग के आधुनिक तरीके, मार्केट एक्सेस रणनीतियाँ और नए उद्यमियों के लिए उपलब्ध नीतिगत सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्योग और टेक्नोलॉजी जगत की वास्तविक मांगों और नए अवसरों से अवगत कराना था। मंथन का महत्वपूर्ण दूसरा सत्र ‘स्टार्ट-अप इनोवेशन – भारत का टेक एंटरप्रेन्योरशिप इकोसिस्टम’ को सशक्त बनाने पर केंद्रित था। इस सत्र में टेन एक्स ग्रोथ सॉल्यूशन की फाउंडर सुश्री रुचिता अग्रवाल, बीआईआरएसी की सीनियर मैनेजर डॉ. प्राची कौशिक, डीएसटी के प्रोजेक्ट कंसल्टेंट मनु अहूजा और एनएएसएसकॉम के रीजनल हेड अंकित सिन्हा जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। पैनल ने विद्यार्थियों को समझाया कि इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और नीति—ये तीनों मिलकर भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्ट-अप सेक्टर की नींव को मजबूत करते हैं। कॉन्क्लेव का तीसरा सत्र एग्री-टेक इनोवेशन और भविष्य की वर्कफोर्स स्किल्स पर केंद्रित था। इसमें बताया गया कि रीस्किलिंग और अपस्किलिंग कैसे कृषि क्षेत्र में डिजिटल बदलावों को गति दे रहे हैं। यह सत्र आईआईटी रुड़की के गोल्ड मेडलिस्ट और ऑटोमोटिव एक्सपर्ट प्रभात खरे, फ्रेटबॉक्स के फाउंडर आशीष गुप्ता, बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के विशेषज्ञ पी.जे. सुरेश और इंडिया मार्ट के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट अविनाश जैसे दिग्गजों द्वारा संचालित किया गया। उन्होंने एआई-ड्रिवन स्किल डेवलपमेंट, खेती में डिजिटल टूल्स के उपयोग और बदलते जॉब मार्केट में लगातार सीखने के महत्व पर अपने विचार साझा किए। मंथन इंडिया इंडस्ट्री-टेक कॉन्क्लेव 2025 ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि संस्कृति विश्वविद्यालय नवाचार और कौशल आधारित शिक्षा को कितनी गंभीरता से बढ़ावा दे रहा है। सरकारी विभागों, उद्योग जगत और अकादमिक विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी ने विद्यार्थियों को विचार, सहयोग और स्टार्ट-अप विकास के लिए एक प्रभावशाली मंच प्रदान किया।

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