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अलीगढ़ 13 नवम्बर । मंगलायतन विश्वविद्यालय के प्रबंधन एवं वाणिज्य संस्थान में “वित्तीय साक्षरता—वित्तीय घोटालेबाजों से सुरक्षा कैसे की जाए” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों और प्रतिभागियों में वित्तीय जागरूकता बढ़ाना और उन्हें निवेश से जुड़े जोखिमों तथा सुरक्षा उपायों के प्रति सजग करना था।

कार्यशाला तीन सत्रों में संपन्न हुई। प्रथम सत्र की अध्यक्षता सीडीओई के डायरेक्टर अनुराग शाक्य ने की, जिसमें सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका और कार्यप्रणाली पर विस्तृत चर्चा हुई। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डायरेक्टर एडमिशन प्रो. सौरभ कुमार ने की, जिसमें सेबी और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के कार्य और निवेशकों के हितों की सुरक्षा से संबंधित पहलुओं पर विचार किया गया। तृतीय सत्र की अध्यक्षता डीन एकेडमिक प्रो. राजीव शर्मा ने की। इस सत्र का विषय सेबी और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज रहा, जिसमें प्रतिभागियों को वित्तीय बाजारों की पारदर्शिता और नियामक संस्थाओं की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला के मुख्य वक्ता सेबी स्मार्ट ट्रेनर चंद्रेश गुप्ता ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए वित्तीय नियोजन, मूल्य जोखिम प्रबंधन, निवेश रणनीति, कमोडिटी एक्सचेंज की भूमिका, और निवेशकों को ठगी से बचने के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता न केवल व्यक्तिगत आर्थिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देती है। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सिद्धार्थ जैन रहे। समन्वयक डा. नियति शर्मा, डा. उन्नति जादौन और मौ. अरसलान ने कार्यशाला के संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विशेषज्ञों से वित्तीय योजना एवं सुरक्षित निवेश के विभिन्न पहलुओं पर प्रश्न पूछे। इस अवसर पर प्रो. अंकुर अग्रवाल, डा. शालू अग्रवाल, डा. सुजीत महापात्रा, डा. दीपिका बांदिल आदि उपस्थित रहे।

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