Hamara Hathras

Latest News

मथुरा 09 नवंबर । शिक्षा तंत्र के लिए रैगिंग अभिशाप है। इससे जूनियर छात्र-छात्राओं में भय का वातावरण निर्मित होता है तथा वे पूरी लगन और तन्मयता से पढ़ाई नहीं कर पाते, लिहाजा रैगिंग से छात्र-छात्राओं को बचाने के लिए शैक्षिक संस्थानों में पारिवारिक माहौल बनाया जाना बहुत जरूरी है। यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित एंटी रैगिंग कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. निदर्श डी. हेगड़े (शासकीय डेंटल कॉलेज जेएनआईएमएस, इम्फाल) ने बीडीएस प्रथम वर्ष, बीडीएस द्वितीय वर्ष तथा एमडीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को बताईं। डेंटल काउन्सिल आफ इंडिया के सदस्य डॉ. निदर्श डी. हेगड़े ने बताया कि शारीरिक शोषण का कोई भी कार्य मसलन हिंसा, यौन शोषण, समलैंगिक हमले, शारीरिक क्षति या छात्र-छात्राओं पर किसी तरह की अमर्यादित टिप्पणी रैगिंग की ही श्रेणी में आते हैं। उन्होंने रैगिंग के कृत्य में शामिल छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सजा के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। डॉ. हेगड़े ने बताया कि यदि कोई छात्र और छात्रा रैगिंग में संलिप्त पाया जाता है तो उसे किसी भी संस्थान में प्रवेश पाने से वंचित किया जा सकता है। डॉ. हेगड़े ने कहा कि रैगिंग अन्य अपराधों से भिन्न है क्योंकि इसका उद्देश्य केवल विकृत सुख प्राप्त करना है। उन्होंने सीनियर छात्र-छात्राओं से अपने जूनियर्स के साथ भाई-बहन सा व्यवहार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी विद्यार्थी के साथ रैगिंग होती है तो उसे तुरंत कॉलेज की एंटी रैगिंग समिति को बताना चाहिए तथा रैगिंग समिति का भी यह कर्तव्य है कि वह शिकायत करने वाले छात्र या छात्रा की पहचान सुरक्षित और गुप्त रखे।

प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज पूरी तरह से रैगिंग मुक्त संस्थान है। यहां का एंटी रैगिंग सेल रैगिंग की रोकथाम के साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के स्वस्थ मानसिक विकास के लिए एक अच्छा माहौल प्रदान कर रहा है। इसका वही उद्देश्य है जो रैगिंग को खत्म करने के लिए एआईसीटीई का है। उन्होंने कहा कि कॉलेज की एंटी रैगिंग सेल का आदर्श वाक्य है ‘टुगेदर, वी फील एट होम’। डॉ. लाहौरी ने कहा कि के.डी. डेंटल कॉलेज में सभी प्रवेशित छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता के लिए रैगिंग विरोधी हलफनामा भरना अनिवार्य है।

डॉ. लाहौरी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य रैगिंग मुक्त परिसर बनाना है ताकि छात्र-छात्राएं पाठ्यचर्या और पाठ्येत्तर गतिविधियों में बिना किसी परेशानी के एक साथ आकर अपने शैक्षिक अनुभवों को विकसित कर सकें। अंत में छात्र-छात्राओं को एंटी रैगिंग से बचाव के लिए पुस्तिकाएं प्रदान की गईं। डॉ. लाहौरी ने बताया कि छात्र-छात्राओं को रैगिंग से बचाने के लिए कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी तथा एंटी रैगिंग स्क्वॉड बनाए गए हैं। एंटी रैगिंग कमेटी में प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, राजेन्द्र सिंह यादव, राजकुमार गौतम, विनी सिंह, डॉ. विकास अग्रवाल, नीरज छापड़िया, डॉ. पीयूष रावत, डॉ. प्राची बंसल, रोहित यादव, जितिन लाहौरी, महावीर जैन, डॉ. जी. उमेश चंद्र प्रसाद, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. सिद्धार्थ सिंह सिसौदिया, डॉ. सुषमा, डॉ. जुही शामिल हैं वहीं एंटी रैगिंग स्क्वॉड में डॉ. जी. उमेश चंद्र प्रसाद, डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. सोनल गुप्ता, डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. विनय मोहन, डॉ. सुनील कुमार, नीरज छापड़िया शामिल हैं। कार्यशाला में एंटी रैगिंग कमेटी तथा एंटी रैगिंग स्क्वॉड के पदाधिकारी और सदस्य तथा सभी छात्रावासों के वार्डन उपस्थित रहे। कार्यशाला की सफलता में सीडीई कमेटी के सदस्य डॉ. अनुज गौर, डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. मनीष भल्ला एवं डॉ. राजीव का विशेष योगदान रहा। अंत में प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. निदर्श डी. हेगड़े को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

You cannot copy content of this page