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नोएडा 26 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर का निरीक्षण किया। उन्होंने डोमेस्टिक टर्मिनल, उद्घाटन स्थल, सुरक्षा प्रबंधन और यातायात व्यवस्था समेत चल रहे निर्माण कार्यों की बारीकी से समीक्षा की और अधिकारियों से प्रत्येक कार्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट के बोर्डरूम में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) और निर्माण एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में परियोजना की प्रगति, उद्घाटन समारोह की तैयारियाँ और आगामी योजनाओं पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी साझा की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, समयबद्धता और समन्वय सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।बैठक में मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में सौंदर्यीकरण और सफाई व्यवस्था को उच्च स्तर पर बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्री सुविधाओं, सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने पर भी जोर दिया।

यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने एयरपोर्ट की तकनीकी, सुरक्षा और आधारभूत ढांचे से जुड़ी जानकारी दी। वहीं सीओओ किरण जैन ने रनवे, वायुसंचालन परीक्षण और सुरक्षा बलों की तैयारियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। साथ ही एयरपोर्ट तक पहुँचने वाले सड़क मार्ग, पार्किंग, माल ढुलाई, जल शोधन संयंत्र, अग्निशमन केंद्र और जल निकासी की व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की गई। मुख्यमंत्री ने आगामी जनसभा और उद्घाटन समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में जेवर एयरपोर्ट से पहली उड़ान टेक-ऑफ कर सकती है।

आरंभ में एयरपोर्ट एक रनवे के साथ शुरू होगा, जिससे हर साल लगभग 1.2 करोड़ यात्री यात्रा कर सकेंगे। प्रतिदिन लगभग 150 उड़ानों के संचालन की योजना है। भविष्य में दूसरा रनवे तैयार किया जाएगा। दोनों रनवे मिलकर 7 करोड़ यात्रियों की सेवा देंगे। अंतिम चरण में एयरपोर्ट 5 रनवे और 11,750 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तारित होगा, जो सालाना 30 करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा। भूमि अधिग्रहण की लागत लगभग ₹5,000 करोड़, जबकि निर्माण पर अनुमानित खर्च ₹7,000 करोड़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट केवल एक हवाई अड्डा नहीं, बल्कि उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का नया प्रवेश द्वार होगा। इससे निवेश, उद्योग, व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।

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