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फिरोजाबाद 07 अक्टूबर । थाना मक्खनपुर क्षेत्र के ग्राम घुनपई के पास 30 सितंबर को जीके कंपनी की कैश वैन से हुई करीब दो करोड़ रुपये की लूट मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस की जांच में सामने आया कि दो पुलिसकर्मी इस घटना में संलिप्त थे। जीआरपी आगरा में तैनात मुख्य आरक्षी अंकुर प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी के पास से लूटी गई रकम में से 5 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। बताया जाता है कि 30 सितंबर को हुई इस लूट में 1.5 से 2 करोड़ रुपये नकद चोरी हुए थे। 4 अक्टूबर को पुलिस ने मुठभेड़ में छह बदमाशों को गिरफ्तार किया था, जिनके कब्जे से 1 करोड़ 5 हजार रुपये, एक आईफोन, मोटरसाइकिल की रसीद, अवैध असलहा और दो चारपहिया वाहन बरामद किए गए थे। मुख्य आरोपी नरेश पंडित जो अलीगढ़ के खैर का रहने वाला था, फरार हो गया था, जिस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। 5 अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ में नरेश पंडित मार गिराया गया। गहन जांच के दौरान थाना मक्खनपुर पुलिस ने पाया कि दो पुलिसकर्मी लूट की वारदात की पूर्व जानकारी रखते थे। विवेचना में सामने आया कि घटना से पहले ये दोनों दिल्ली गए और अपराधियों से संपर्क कर पुलिस कार्रवाई की अंदरूनी जानकारी साझा करने का प्रयास किया। मुख्य आरक्षी अंकुर प्रताप ने अपराधियों के साथ मिलीभगत कर लूटी गई रकम का हिस्सा प्राप्त किया। फिरोजाबाद एसएसपी सौरभ दीक्षित के निर्देशन में चलाए गए अभियान के तहत अंकुर प्रताप सिंह को श्री श्याम फैमिली ढाबा, रूपसपुर के पास एनएच-19 से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरक्षी अंकुर प्रताप सिंह पुत्र गिरीश पाल सिंह, निवासी खान आलमपुर थाना हरदुआगंज, अलीगढ़ का है और वर्तमान में ए-423, ट्रांस यमुना कॉलोनी, फेस-01, थाना एत्माद्दौला, आगरा में रह रहा था। फिरोजाबाद एसपी देहात अनुज चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरक्षी के खिलाफ थाना मक्खनपुर पर षड्यंत्र और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराएं भी बढ़ा दी गई हैं। जांच में पता चला कि आरोपी ने अपराधियों से वादा किया था कि वह उन्हें पूरे मामले की जानकारी देता रहेगा।

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