आगरा 05 अक्टूबर । शारदा वर्ल्ड स्कूल अर्ली लर्निंग सेंटर (ELC) में शिक्षकों के कौशल विकास और विभिन्न आयु वर्ग के साथ प्रभावी संप्रेषण एवं सॉफ्ट स्किल्स को सशक्त बनाने हेतु एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का संचालन डॉ. सोनी शर्मा (शारदा विश्वविद्यालय) द्वारा किया गया। डॉ. शर्मा ने अपने सत्र में यह स्पष्ट किया कि वैदिक शिक्षण पद्धतियाँ और आधुनिक शिक्षण दृष्टिकोण किस प्रकार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और एक शिक्षक के लिए यह समझना कितना आवश्यक है कि उसे एक हार्ड वर्कर की तरह काम करना है या स्मार्ट वर्कर की तरह। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी और अभिभावक की विविध आवश्यकताओं को समझते हुए समावेशिता (Inclusivity) को कक्षा के लेन-देन का मूल अंग बनाना आज की शिक्षा की प्राथमिक आवश्यकता है। सत्र में उन्होंने स्पष्ट (tangible) और अस्पष्ट (intangible) शिक्षण विधियों के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिससे शिक्षकों को यह समझ मिली कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रचनात्मकता, दृष्टिकोण और संवेदना से भी जुड़ी है।
इस प्रशिक्षण ने शिक्षकों को न केवल नई दिशा में सोचने की प्रेरणा दी बल्कि उन्हें यह भी समझाया कि वे आधुनिक शिक्षण साधनों का उपयोग करते हुए शिक्षण को कैसे और प्रभावी तथा आकर्षक बना सकते हैं। साथ ही, डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि अभिभावकों के समक्ष अपने कार्य और विचारों को सुसंगठित और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करना कितना महत्वपूर्ण है। कार्यशाला के अंत में विद्यालय की निदेशक डॉ. गरिमा यादव ने डॉ. सोनी शर्मा का आभार व्यक्त किया और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपनी समझ के आधार पर एक ओपन-एंडेड सारांश साझा करें, जिससे इस सत्र की प्रभावशीलता को और गहराई से समझा जा सके। यह सत्र अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायी एवं दृष्टिकोण परिवर्तक सिद्ध हुआ, जिसने शिक्षकों में नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच का संचार किया। विद्यालय परिवार भविष्य में भी ऐसे और सशक्तिकरण सत्रों की प्रतीक्षा कर रहा है, ताकि हमारे शिक्षकों के माध्यम से नन्हें मनों को और समग्रता से संवारा जा सके। इस अवसर पर श्रीमती प्रियंका गुप्ता जी (सह-संस्थापक, शारदा वर्ल्ड स्कूल अर्ली लर्निंग सेंटर) ने शुभकामानाये प्रेषित की ।