लखनऊ 20 सितंबर । उत्तर प्रदेश के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधाएं सुलभ कराने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में लागू इस योजना के तहत अब राज्य के 75 जनपदों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के चिकित्सा अधीक्षक, लैब टेक्नीशियन और कम्प्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण प्रदान करने का शुभारंभ किया गया है। यह प्रशिक्षण जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) के पर्यवेक्षण में दिया जा रहा है। 15 सितंबर से शुरू किए गए इस प्रशिक्षण को मेसर्स पीओसीटी सर्विसेज के एनजीओ पीक्यूएसडीएफ द्वारा सीएसआर फंड से संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षित होने के बाद चिकित्सालयों में तैनात मानव संसाधन प्रत्येक मरीज का आभा आधारित पंजीकरण करेगा और उनका डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही सभी मरीजों को कम्प्यूटरीकृत पैथालॉजी रिपोर्ट मोबाइल पर, व्हाट्सएप या एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
यूपी के 75 जिलों में चलेगा ट्रेनिंग अभियान
योजना के तहत यूपी सरकार ने अपने अस्पतालों में यह सुविधा शुरू की है ताकि मरीजों को टेस्ट रिपोर्ट के लिए दर-दर भटकना न पड़े और वे इसे ऑनलाइन प्राप्त कर सकें।
ट्रेनिंग देने वाली कंपनी का कहना
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के सभी अस्पतालों में ट्रेनिंग देने वाली पीओसिटी के चेयरमैन का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में लैब टेस्ट की रिपोर्ट मोबाइल पर एसएमएस के जरिए उपलब्ध कराने की सुविधा से मरीजों और उनके परिजनों को बहुत मदद मिली है। उन्हें अस्पताल में लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसी कड़ी में अब पीओसिटी ने उत्तर प्रदेश के तमाम चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को राहत देने के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम एक महीने तक 75 जिलों में जारी रहेगा। यूपी के अलग-अलग मंडलों में अनुभवी ट्रेनर इस प्रोग्राम के माध्यम से कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे, ताकि मरीजों को सही समय पर सही जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो सके।