अलीगढ़ 13 सितंबर । खैर रोड और अलहदादपुर में विकसित हो रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भारत की वायु और समुद्री रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए खास रडार स्थापित किए जाएंगे। ये रडार हवा, जमीन और समुद्र में दुश्मन के लक्ष्य और जहाजों की स्थिति का पता लगाने में सक्षम होंगे। कॉरिडोर में छोटे आग्नेयास्त्र (स्माल आर्म्स) भी बनाए जाएंगे, जिनमें लेजर तकनीक का इस्तेमाल होगा। पहले चरण में 100 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर कार्य चल रहा है, जबकि दूसरे चरण में 217 एकड़ भूमि विकसित की जा रही है। पहले चरण में 23 निवेशकों ने यूपीडा के साथ करार किया था, लेकिन अभी तक वेरीविन डिफेंस और एमिटेक इंडस्ट्रीज ने ही यहां उत्पादन शुरू किया है।
विशेष रडार निम्न कार्यों में मदद करेंगे
- हवा में मौजूद लक्ष्यों की स्थिति का पता लगाना।
- लड़ाकू विमान, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाना।
- वायु रक्षा प्रणाली और मौसम की जानकारी में योगदान।
- समुद्र में जहाजों की स्थिति का पता लगाना।
- मिसाइल और अन्य हथियारों को लक्ष्य तक पहुंचाना।
कार्यकारी अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि यह कदम भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। खैर रोड और नोड टू में विकसित कॉरिडोर से अलीगढ़ क्षेत्र में रक्षा उत्पादन को और बढ़ावा मिलेगा।