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बिजनौर 03 सितंबर । नायब तहसीलदार ने अपने सरकारी आवास में लाइसेंसी पिस्टल से सिर में गोली मार ली। उन्हें निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। डीएम-एसपी ने अस्पताल और आवास पहुंचकर जानकारी ली। नायब तहसीलदार सुबह ही प्रयागराज से एक प्रकरण में हाई कोर्ट में जवाब दाखिल कर लौटे थे। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। वह अपने माता-पिता की अकेली संतान थे। बिजनौर सदर तहसील में थी तैनाती जनपद बागपत के गांव कुरड़ी नांगल निवासी 40 वर्षीय राजकुमार चौधरी बिजनौर सदर तहसील में नायब तहसीलदार थे। वह इस समय कलक्ट्रेट के पीछे स्थित आफिसर कालोनी में पत्नी आंचल, दस वर्षीय व डेढ़ वर्षीय दो बेटी और मां-पिता के साथ रह रहे थे। बुधवार सुबह दस बजे वह प्रयागराज से आए थे। पिता कुंवरपाल से कुशलक्षेप पूछने के बाद कमरे में चले गए। पत्नी आंचल रसोई थी, मां आंगन में छोटी बेटी के पास थी। बड़ी बेटी स्कूल गई थी। करीब 15 मिनट तक दरवाजा बंद रहा और वह बाहर नहीं आए।  बिस्तर पर रक्तरंजित पड़े थे राजकुमार  इस पर पिता ने आवाज लगाई तो उसी समय गोली की आवाज सुनाई दी। शोर सुनकर कालोनी में रह रहे नायब तहसीलदार सार्थक चावला और गार्ड मौके पर पहुंचे। स्वजन के साथ वह कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए। बिस्तर पर राजकुमार रक्तरंजित पड़े हुए थे। उनके सिर के दाएं हिस्से (कनपटी) में गोली लगी थी। आनन-फानन में उन्हें गंभीर हालत में शहर के बीना प्रकाश अस्पताल ले जाया गया। डीएम जसजीत कौर, एसपी अभिषेक झा, एडीएम प्रशासन विनय कुमार सिंह समेत तमाम अधिकारी अस्पताल पहुंचे। हालत नाजुक होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। दोपहर एक बजे चिकित्सक ने उनको मृत घोषित कर दिया। अधिकारियों ने सरकारी आवास पर पहुंचकर घटनास्थल पर जांच की और स्वजन को सांत्वना दी। राजकुमार अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। वह 2014 में सब रजिस्ट्रार के पद पर भर्ती हुए थे और 2022 में नायब तहसीलदार के पद पर प्रोन्नत हुए थे। पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव को पैतृक गांव ले गए। एसपी ने बताया कि लाइसेंसी पिस्टल से गोली लगी है। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मामले में जांच की जा रही है।

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