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लखनऊ 21 अगस्त । उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के विलय मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए स्पष्ट किया कि 50 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों का न तो विलय होगा और न ही पेयरिंग की जाएगी। साथ ही, प्राथमिक स्कूलों की दूरी एक किलोमीटर से अधिक नहीं होगी।राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया ने बताया कि सरकार का यह निर्णय प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा जा चुका है और आगे की कार्रवाई इसी आधार पर होगी। मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।  इससे पहले, 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने सीतापुर जिले के स्कूलों के विलय में अनियमितताएं सामने आने के बाद स्थिति को यथावत रखने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि यह अंतरिम आदेश सिर्फ प्रक्रिया में अनियमितताओं को देखते हुए है, सरकार की नीतियों की मेरिट पर अदालत ने कोई टिप्पणी नहीं की है। गौरतलब है कि 7 जुलाई को न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने स्कूल विलय आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ सीतापुर के बच्चों ने विशेष अपील दायर की है। अपीलकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एल.पी. मिश्र और अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलीलें दीं, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया और मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

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