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मथुरा 02 अगस्त । शिशु के लिए मां का दूध एक सम्पूर्ण आहार होता है। इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व, विटामिन और मिनरल सही मात्रा में मौजूद होते हैं। मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, जिससे वह संक्रमण तथा अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहता है। मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडीज बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। यह बातें के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एक से सात अगस्त तक चलने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं को बताईं।

के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान है। इतना ही नहीं मां के लिए भी स्तनपान बहुत फायदेमंद होता है। स्तनपान गर्भाशय को उसकी सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करता है तथा प्रसवोत्तर रक्तस्राव के जोखिम को भी कम करता है। साथ ही यह स्तन कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है। इतना ही नहीं यह मां और शिशु के बीच भावनात्मक बंधन को भी मजबूत करता है।

डॉ. अशोका ने विश्व स्तनपान सप्ताह के आयोजन के लिए शिशु रोग विभाग, महिला एवं प्रसूति रोग विभाग तथा कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए अन्य विभागाध्यक्षों से भी ऐसे जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया। चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्तनपान न केवल एक शिशु के पोषण का सबसे प्राकृतिक और उत्तम स्रोत है बल्कि यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करता है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह का उद्देश्य स्तनपान के वैज्ञानिक फायदों के बारे में लोगों को बताना है। इसका लक्ष्य एक ऐसा माहौल बनाना है, जहां हर मां बिना झिझक और पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने बच्चे को दूध पिला सके। उन्होंने कहा कि इस साल की विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 की थीम है ‘स्तनपान को प्राथमिकता दें: स्थायी सहायता प्रणालियों का निर्माण करें’।

महिला एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वी.पी. पांडेय ने स्तनपान को समाज के भविष्य में एक बेहतर निवेश बताया। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य हर माँ को उचित जानकारी, प्रशिक्षित सलाहकारों से मदद और ऐसा पारिवारिक, चिकित्सीय तथा कार्यस्थल वातावरण सुनिश्चित करना है, जो स्तनपान को प्रोत्साहित करे। शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. के.पी. दत्ता ने कहा कि स्तनपान केवल शिशु का पोषण ही नहीं बल्कि समाज का दीर्घकालिक स्वास्थ्य निवेश भी है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर कम खर्च होता है, बच्चों की बौद्धिक क्षमता में सुधार आता है, भावी पीढ़ी को बेहतर शुरुआत मिलती है तथा स्वस्थ समाज का निर्माण होता है।

कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. गौरी शंकर गोयल ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे देश में स्तनपान में आ रही निरंतर कमी चिन्ता की बात है। भारतीय माताओं को पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहते हुए अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराना चाहिए। डॉ. गोयल ने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों से स्तनपान को न केवल बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्वस्थ समाज का संकल्प भी पूरा होगा। उन्होंने माताओं को सलाह दी कि वह नवजात शिशु के जन्म के एक घण्टे के अंदर उसे स्तनपान अवश्य कराएं तथा शहद, पानी या किसी प्रकार की घुट्टी पिलाकर बच्चे के जीवन को संकट में न डालें।

कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अमनजोत कौर ने मौके पर मौजूद महिलाओं को स्तनपान के लाभ, उसके सही तरीके और इससे जुड़ी आवश्यक जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान करवाना शिशु के जीवन की रक्षा करता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए लाभकारी है। डॉ. संध्या लता, डॉ. रिमझिम, डॉ. सोनिका शर्मा, डॉ. अदिति दुबे, डॉ. शालिनी बंसल, डॉ, लीना शर्मा, डॉ. साक्षी अग्रवाल, डॉ. टी. लवानिया रेड्डी, डॉ. मीनल, डॉ. तान्या पुरोहित आदि ने उपस्थित माताओं के सवालों के विस्तार से जवाब दिए। इस अवसर पर लघु नाटिकाओं के माध्यम से भी ग्रामीण माताओं को स्तनपान के लाभ और तरीके बताए गए। विशेषज्ञ महिला चिकित्सकों ने माताओं को बच्चे को हर दो घंटे में छह माह तक आवश्यक रूप से दूध पिलाने तथा उन्हें बोतल से दूध न पिलाने की सलाह दी। इस अवसर पर उपस्थित माताओं को स्तनपान के महत्व से जागरूक करने के लिए पम्पलेट भी प्रदान किए गए।

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Ayog Deepak

Ayog Deepak is an Indian journalist and businessperson who is the chairman and Editor-in-chief of Hamara Hathras News.

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