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नई दिल्ली 01 जून । देश में कोरोना वायरस के एक्टिव केसेज की संख्या 3758 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 22 मई को भारत में 257 केस थे। 9 दिन में कोरोना के मामलों में 14 गुना की बढ़ोतरी हुई है। केरल में सबसे ज्यादा 1400 मामले हैं। वहीं महाराष्ट्र में 485 और दिल्ली में 436 एक्टिव केस हैं।जनवरी 2025 से अब तक कोरोना से 28 मौतें हो चुकी हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार ने जारी की है। इससे पहले 30 मई को सुबह 8 बजे तक सिर्फ 7 मौतों का आंकड़ा सामने आया था। ऐसे में बीते दो दिनों में देश के अंदर 21 लोगों की मौत दर्ज की गई।31 मई को बेंगलुरु में 63 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसे दोनों वैक्सीन के साथ बूस्टर डोज भी लगी थी। वहीं दिल्ली में 60 साल के बुजुर्ग की मौत हुई है। महाराष्ट्र-केरल में सबसे ज्यादा 7-7 लोगों ने जान गंवाई है।कर्नाटक सरकार ने शनिवार को पब्लिक एडवाइजरी जारी की। इसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और स्वच्छता का खास ध्यान रखने की अपील की। बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत जांच कराने को कहा है।

48 घंटों में मिले 1000 से ज्यादा मामले

केरल के बाद महाराष्ट्र में 485 और दिल्ली में 436 एक्टिव केस हैं। बीते 48 घंटों में 1000 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जनवरी से लेकर अभी तक कुल 28 लोगों की मौत हुई है। शनिवार को बेंगलुरु में 63 साल के व्यक्ति की मौत हुई है। इस मरीज को दोनों वैक्सीन के साथ-साथ बूस्टर डोज भी लगी थी। दिल्ली में भी 60 साल के एक बुजुर्ग की भी मौत हुई है। केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 7-7 लोगों की मौत हुई है।
कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट
भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​ JN.1 वैरिएंट 

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​ JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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