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नई दिल्ली 01 जुलाई । देश में बेरोजगारी की चुनौती से निपटने और युवाओं को अधिक रोजगार के अवसर देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ‘रोजगार प्रोत्साहन योजना’ (Employment Linked Incentive Scheme) को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना से अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस योजना की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसके तहत ₹99,446 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका उद्देश्य देश में औद्योगिक विकास को गति देना और विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) को सशक्त करना है।

दो हिस्सों में बंटी योजना

यह योजना दो हिस्सों में विभाजित है:

  • पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं के लिए प्रोत्साहन
  • नए कर्मचारियों की भर्ती करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन

पहली बार नौकरी करने वालों को मिलेगा सीधा लाभ

पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को सरकार की ओर से एक महीने की सैलरी (अधिकतम ₹15,000) दी जाएगी। यह राशि दो किस्तों में मिलेगी—पहली किस्त 6 महीने की नौकरी पूरी होने पर और दूसरी 12 महीने के बाद। इसके अलावा युवाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योजना के तहत सरकार युवाओं की कुल प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा बचत खाते में लॉक करके रखेगी, जिसे कुछ समय बाद निकाला जा सकेगा—ताकि युवाओं में बचत की आदत विकसित हो। कुल 1.92 करोड़ युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ।

कंपनियों को भी मिलेगा फायदा

  • अगर कोई कंपनी ₹1 लाख मासिक वेतन तक के नए कर्मचारियों को नियुक्त करती है, तो सरकार उन्हें ₹3,000 प्रति कर्मचारी प्रति माह की सहायता राशि देगी।
  • यह लाभ कंपनियों को दो वर्षों तक मिलेगा।
  • खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को यह लाभ चार साल तक मिलेगा।

शर्तें क्या हैं?

  • 50 से कम कर्मचारी वाली कंपनियों को कम से कम 2 नए कर्मचारियों को नियुक्त करना अनिवार्य होगा।
  • वहीं, 50 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को कम से कम 5 नए लोगों को नौकरी देनी होगी।
  • नियुक्त कर्मचारी को कम से कम 6 महीने तक लगातार कार्यरत रहना अनिवार्य होगा।

पैसा सीधे खाते में

  • युवाओं को मिलने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाएगी।
  • कंपनियों को सहायता राशि पैन लिंक्ड बैंक खाते में दी जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

सरकार का उद्देश्य

सरकार का कहना है कि यह योजना केवल रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य युवाओं को वित्तीय रूप से सशक्त, सामाजिक सुरक्षा युक्त, और भविष्य के लिए तैयार बनाना है। यह योजना देश की आर्थिक गति को तेज करने और वर्कफोर्स को औपचारिक रूप से संगठित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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