Hamara Hathras

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हाथरस 22 फरवरी । हाथरस जनपद आलू की पैदावार के लिए एक प्रमुख जिला बन गया है, जनपद में आलू को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए सैकड़ों की सख्ंया में कोल्ड़ स्टोरेज बने हुए है। जिनके शुभारंभ शुरू हो गये है, किसानों को अपने कोल्ड़ में आलू रखने की गुजारिस और उम्मीद के चलते दावतों के लिए किसानों के पास निमन्त्रण आ रहे है। वहीं किसान मौसम के बदलते हालतों को देख कर ड़र के साये में जल्द से जल्द आलू को खेत से निकाल कर कोल्ड़ पहुंचाने की जुगत में जुट गया है। हाथरस में प्रमुख रूप से सादाबाद, मुरसान, सहपऊ, सासनी में बड़े स्तर पर आलू की खेती की जा रही है। किसानों ने आलू की फसल की खोदाई शुरू कर दी है। खुदाई में आलू की गुणवत्ता अच्छी निकलने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं हाथरस में इस बार आलू की अच्छी फसल हुई है। किसानों ने आलू की खोदाई शुरू कर दी है। प्रति बीघा 50 से 60 पैकेट उपज निकले से किसान काफी उत्साहित हैं। आलू की गुणवत्ता अच्छी होने से वह अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। किसान अपनी उपज भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर में भेज रहे हैं। आलू किसानों को आये दिन हो रहे मौसम में बदलब से लगने वाला डर सता रहा है, अभी कुछ दिनों में हल्की फुल्की बर्शा ने आलू किसानों को बुरी तहर ड़रा दिया। आलू किसान पूरन चौधरी ने बता कि यदि बर्शा होता है तो खेत में आलू सड़ जायेगा, चार माह की गयी लाखों रूपए कीमत की लागात पर पानी फिर जायेगा। जिसके चलते ड़र के साये में आलू किसान जल्द से जल्द खोदाई करके अपनी उपज का भंडारण करना चाहते हैं। आलू खुदाई के लिए आने वाले ट्रेक्टर व मजदूरों को कई दिनों पहले से बुक किया जा रहा है। आलू किसान का कहना है कि इस समय आलू बीनने उन्हे कट्टों में भरने वाले मजदूर मूह खोल कर अपनी मजदूरी मांग रहे है, किसानों को डर है कि बारिश होने पर उनकी तैयार फसल बर्बाद हो जाएगी, जिसके चलते तीन सौ रूपए की जगह पांच सौ रूपए से अधिक दिहाड़ी मजदूर को देने को तैयार है पर मजदूर नहीं मिल रहे।

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