प्रयागराज 29 जनवरी । प्रयागराज में जारी कुंभ मेले में बुधवार की रात तक़रीबन डेढ़ बजे एक घाट पर भगदड़ मची, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में दर्जनों ज़ख़्मी भी हुए हैं। प्रशासन ने शाम तक मौतों की संख्या के बारे में कोई बयान नहीं दिया था। बाद में डीआईजी, महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने शाम को मीडिया से मुख़ातिब होते हुए बताया कि, “महाकुंभ भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई जिसमें से 25 की पहचान हो गई है। 60 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने घटना का कारण बताते हुए कहा, “अखाड़ा क्षेत्र में बैरिकेड्स लगे हुए हैं। इनमें से कुछ बैरिकेड्स टूट गए। कई श्रद्धालु जो ब्रह्म मुहूर्त का इंतज़ार करते हुए घाट पर ही लेटे हुए थे तभी कई दूसरे श्रद्धालु वहाँ पहुँच गए, वो देख नहीं पाए कि नीचे कौन लेटे हैं, और इस तरह ये दुर्घटना हो गई।” शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा और बुधवार को कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने X पर किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर अपने अकाउंट से एक पोस्ट में लोगों के मारे जाने की बात को स्वीकार किया है। पीएम मोदी ने लिखा है, ”प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूँ।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पूरे मामले पर कहा कि भीड़ का दबाव बहुत ज़्यादा है और क़रीब तीन करोड़ लोगों ने स्नान किया है। योगी ने कहा कि कोई भी नकारात्मक बात न फैलाए क्योंकि इसका ख़ामियाजा भुगतना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात काबू में हैं। योगी ने ये नहीं कहा कि कितने लोगों की मौत हुई है लेकिन घायलों होने की बात को स्वीकार किया है। योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने सुबह से लेकर अब तक चार बार बात की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है, लेकिन हताहतों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
मुख्यमंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा है, ”महाकुंभ में, प्रयागराज आए प्रिय श्रद्धालुओं, माँ गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। आप सभी प्रशासन के निर्देशों का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। संगम के सभी घाटों पर शांतिपूर्वक स्नान हो रहा है. किसी भी अफ़वाह पर बिल्कुल भी ध्यान न दें।”
मंगलवार देर शाम से ही मौनी अमावस्या के मौक़े पर अमृत स्नान हो रहा था, इसी दौरान ये घटना हुई है। चश्मदीदों का कहना है कि एका-एक भीड़ बैरियर तोड़ते हुए एक घाट पर बैठे लोगों पर चढ़ गई।
दिनभर की बड़ी अपडेट
- भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट-भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।
- पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी।
- रास्ते को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है।
- शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
- यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, ‘श्रद्धालु जहां जगह हो वहीं स्नान करें। जहां इतनी बड़ी भीड़ होती है, इतना बड़ा प्रबंधन होता है, ऐसी छोटी-मोटी घटना हो जाती है।
- प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
भगदड़ की 2 संभावित वजह
- अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।
- संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
जो श्रद्धालु आएं हैं, उन्हें वापस भेज रहे हैं : डीआईजी
डीआईजी ने मीडिया से बताया कि मेले में बैरिकेड्स लगे हैं। घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर लोग चढ़ गए। जिससे अफरा-तफरी मच गई। कुचलने से जो घायल हो गये, उनमें से कुछ की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा। कोई वीआईपी प्रोटोकाल इंटरटेन नहीं किया गया। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि जो श्रद्धालु आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं। अब सवाल न करें।