हाथरस 10 अक्टूबर । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश एवं जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अपर जनपद न्यायाधीश एवं सचिव प्रशान्त कुमार द्वारा शहर के आगरा रोड, नगला भूस स्थित वृद्धाआश्रम का औचक निरीक्षण किया। इसके बाद विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। सचिव द्वारा वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों एवं उपस्थिति पंजिका का अवलोकन किया गया तथा वृद्धाआश्रम की साफ-सफाई को देखा गया तथा वृद्धों से उनको दिये गये भोजन व नाश्ता के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी उनकी समस्याऐं सुनी गयीं। किसी भी वृद्ध के द्वारा स्टाफ-कर्मचारी के विरूद्ध कोई भी शिकायत नहीं की गयी है। साफ-सफाई पर्याप्त मात्र में पायी गयी।
इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में वृद्धाश्रम में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन वृद्धों के अधिकार व भरण-पोषण, एंव निःशुल्क विधिक सहायता पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के अपर जनपद न्यायाधीश, सचिव, प्रशान्त कुमार की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें वृद्धाआश्रम की अधीक्षिका, प्रभारी अधीक्षक, पराविधिक स्वयं सेवक ओमप्रकाश सारस्वत आदि की उपस्थिति में विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनके संवैधानिक व विधिक अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को बताया कि यदि किसी पुत्र या पुत्री द्वारा अपने माता-पिता का भरण पोषण नहीं किया जाता है, तो उन वृद्धजनों को अपने परिवारिजनों से भरण-पोषण पाने के अधिकारी है। भरण-पोषण के सम्बन्ध में वृद्धों को बताया कि वर्ष 2007 में एक नया अधिनियम का गठन किया गया है, जिसके अन्तर्गत माता-पिता जिनकी अनदेखी हो और सन्तानहीन वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण का प्रावधान किया गया हो। इस अधिनियम के तहत गठित न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करने की तिथि से 90 दिनों के भीतर राहत दिलवाने का प्रावधान है। पराविधिक स्वयं सेवक ओमप्रकाश सारस्वत द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का संचालन करते हुए बताया कि यदि किसी वृद्धजन को विधिक सहायता की आवश्यकता हो और वह अपना आवेदन लिखने में असमर्थ हों तो आवेदन हम पराविधिक स्वयं सेवकों द्वारा लिखावा सकते हैं।