नई दिल्ली/पेरिस 08 अगस्त । रेसलर विनेश फोगाट को 100 ग्राम ज्यादा वजन पाए जाने के बाद पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित कर दिया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मैच खेलने के बाद मंगलवार शाम को उनका वजन उनकी 50 किलोग्राम कैटेगरी में लिमिट से दो किलोग्राम अधिक था। बताया जा रहा है कि इस बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए विनेश और उनके साथ की पूरी टीम ने जी-जान लगा दी, मगर बुधवार तक उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा निकला। इसके बाद ओलंपिक नियमों के अनुसार, विनेश को फाइनल मुकाबला खेलने पर रोक लगा दी गई। इस फैसले से निराश आखिरकार विनेश ने भी संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। सोशल मीडिया और विपक्ष का एक वर्ग ऐसा है जो विनेश की अयोग्यता को लेकर कॉन्सिपिरेशी थ्योरी पेश कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- बहादुर विनेश ने सत्ता से लड़ाई लड़ी, उसे न्याय मिलना चाहिए। कुछ गड़बड़ है। बहुत गड़बड़ है। सच्चाई सामने आनी चाहिए। इस स्टोरी में हेल्थ एक्सपर्ट और कुश्ती कोच से जानते हैं कि विनेश के वजन बढ़ने में कितनी साजिश हे और क्या है हकीकत, इसे समझते हैं।
मैच के बाद 2 किलो कैसे बढ़ा वजन
विनेश के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक धड़ा बार-बार यह सवाल उठा रहा है कि 12 घंटे में खासकर पहला मैच जीतने के बाद उनका वजन तय सीमा से 2 किलो ज्यादा कैसे बढ़ गया। यानी शाम तक विनेश का वजन 52 किलो से ज्यादाचुका था। ओलंपिक में विनेश ने छह अगस्त की रात को महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम के भार वर्ग मुकाबले में क्यूबा की पहलवान को शिकस्त दी थी। इसके बाद विनेश की तरफ से गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने की उम्मीद बंध गई थी।
एशियाई खेलों में भी विनेश का बढ़ा था वजन
अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती में देश को सिल्वर मेडल दिलाने वालीं शिवानी पंवार और अर्जुन अवॉर्डी दिव्या काकरान जैसी एथलीट्स के इंटरनेशनल कोच रहे विक्रम सोनकर के अनुसार, 2018 में भी जकार्ता में हुए एशियाई खेलों के वक्त भी विनेश फोगाट का वजन 3-3.5 किलो बढ़ गया था। उस वक्त भी विनेश 50 किलोग्राम की फ्री स्टाइल रेसलिंग में हिस्सा ले रही थीं। उस वक्त भी उनके कोच ने उन्हें कंबल ओढ़ाकर रेसलिंग हॉल के भीतर खूब दौड़ाया था, जिससे जमकर पसीना निकला था। हालांकि, उस वक्त उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था।