हाथरस 28 जून । बहुत ही हर्ष का विषय था कि आज 27 जून को राष्ट्र समर्पित भारत विकास परिषद के संस्थापक डॉ सूर्य प्रकाश जी की 104 वीं जयंती माहेश्वरी धर्मशाला में आयोजित की गई। डॉ. सूरज प्रकाश भारत विकास परिषद के संस्थापक महासचिव और वास्तुकार थे। उन्होंने एक ऐसा दिया जलाया जिससे कई और दीये जले और उसे आने वाली पीढ़ियों को सौंप दिया, ताकि हम दीये जलाते रहें जब तक कि पूरा देश और दुनिया उनकी सदा चमकती हुई रोशनी से जगमगा न उठे।
इस महान व्यक्ति का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले के चमल गाँव में श्री राम सरन महाजन और श्रीमती मेला देवी के सबसे बड़े पुत्र के रूप में 27 जून 1920 को हुआ था। उनके पिता एक बीमा कंपनी में कार्यरत थे। यह एक समर्पित और धार्मिक आर्य समाजवादी परिवार था।
सर्वप्रथम मां भारती, स्वामी विवेकानंद जी एवं डॉक्टर सूर्य प्रकाश जी के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को विधिवत आरंभ किया।
तद्दुपश्चात आदरणीय आर.सी नरूला जी द्वारा उनके जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। आदरणीय आर एम वशिष्ठ जी द्वारा उनके जीवन शैली एवं किस प्रकार भारत विकास परिषद की स्थापना कर लोगों को प्रोत्साहित किया तथा किस प्रकार से सेवा और समर्पण के भाव को लोगों के बीच में जागृत किया इस पर प्रकाश डाला।आदरणीय डॉ बी पी सिंह जी द्वारा बताया गया की पूरे भारत में भारत विकास परिषद की लगभग 7000 शाखाएं आज भी अपने देश के लिए सेवा के कार्यों को कर रहीं हैं।साथ ही साथ बताया कि किस प्रकार उनके आदर्शो पर चलकर एक अच्छे व्यक्तित्व को पा सकते हैं और देश के प्रति समर्पित हो सकते हैं।
सभा में भारत विकास परिषद के अध्यक्ष तरुण अग्रवाल, सचिव विनीता दुबे,कोषाध्यक्ष पवन गोयल,महिला संयोजिका वर्षा वार्ष्णेय,आर. सी नरूला मुकेश गोयल ,डॉ. बीपी सिंह,आर.एम.वशिष्ठ आदि सम्मिलित हुए।