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हाथरस 13 फरवरी । श्यामकुंज स्थित एमएलडीवी पब्लिक इण्टर कालेज में राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विद्यालय में उत्कृष्ठ योगदान देने के लिये उप-प्रधानाचार्या शाजिया रफीक खान, शिक्षिका चारू गुप्ता, ललिता पाठक, निधी रावत, रिचा वार्ष्णेय, निधी अरोरा, सत्यवती, मानसी वर्मा, सोनिया कुमारी, गीता गौतम, मोनिका दुबे, अल्पना राठी, सरिका सोनी, ई ललिता कुलश्रेष्ठ, प्रियंका जैन, प्रियंका वार्ष्णेय, बबिता भारद्वाज, निधि चतुर्वेदी, कोमल अग्रवाल, सुनीता राय, निधि शर्मा, प्राची शर्मा, सारिका गुप्ता, रिया जैन, काजोल वार्ष्णेय, मुस्कान शर्मा को संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त, प्रधानाचार्या पूनम वार्ष्णेय व प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एड) द्वारा सम्मानित किया गया। शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्बोधित करते हुये संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्ता ने बतलाया कि भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 13 फरवरी को सरोजनी नायडू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। सरोजनी नायडू उप्र की पहली महिला राज्यपाल थी, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की सक्रिय नेता थी और अपने साहित्यिक कार्यों के लिए जानी जाती है। जिसके लिए उन्हें महात्मा गांधी द्वारा ‘‘भारत कोकिला’’ की उपाधि दी गई। प्राचीन समय से ही महिलाओं का समाज और परिवार में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पूर्व में महिलाओं का जीवन दुख, दर्द, उपेक्षा की पटकथा प्रस्तुत करता है, जिसका पुरूष प्रधान समाज में पुरूष की इच्छापूर्ति करना व अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहाना मात्र था। समय के परिवर्तन ने नारी के श्रम, तपस्या अनवरत् प्रयत्न एवं दृढ़ संकल्प ने उसे श्रद्धा का स्वरूप बना दिया है और वह आत्म-विश्वास का प्रतिमान बनकर मानव-जीवन में अमृत तुल्य बनकर उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किये हुए हैं।
प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एड) ने कहा कि नारी सृजन और ममता की प्रतिमूर्ति है, जब आत्मनिर्भर और सशक्त बनती है, तो वह न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज को सकारात्मक दिशा देती है। महिलाओं का शिक्षित होना सशक्तिकरण का पहला एवं अन्तिम कदम है। प्रधानाचार्या पूनम वार्ष्णेय ने बतलाया कि आधुनिक युग में महिलायें पुरूषों से अधिक सशक्त हैं। शिक्षा से उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुयी हैं।
अंत में संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्ता ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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