
हाथरस 13 अक्टूबर । नगर पालिका हाथरस में पंप सेट और स्ट्रीट लाइट खरीद में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच में अवर अभियंता (जेई) को दोषी पाया गया है। जिलाधिकारी राहुल पांडेय ने जांच रिपोर्ट के साथ कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेज दी है। पूर्व नगर पालिका सभासद विमल दीक्षित ने 21 जनवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि जल निकासी के लिए दस लाख रुपये में पंप सेट खरीदा गया, जबकि इसकी वास्तविक कीमत केवल 1.64 लाख रुपये थी। इसके अगले दिन, 22 जनवरी को उन्होंने स्ट्रीट लाइटों की खरीद में नियमों की अनदेखी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारी कंपनी ईईएसएल के बजाय प्राइवेट ठेकेदारों से प्रति लाइट दस हजार रुपये में स्ट्रीट लाइट खरीदी जा रही थी, जबकि कंपनी के साथ वित्तीय वर्ष 2019-20 में अनुबंध हुआ था। जांच में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सेक्टर कार्यक्रम के तहत नगर पालिका को 399.96 लाख रुपये स्वीकृत थे। इसमें नगर पालिका अध्यक्ष की संस्तुति के बाद 9.98 लाख रुपये से चार 12.4 एचपी डीजल मोटर पंप सेट खरीदे गए, लेकिन शिकायत के बाद इनका भुगतान रोक दिया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार जेई ने जेम पोर्टल पर निविदा प्रकाशित किए बिना ही दरों की तुलना के आधार पर पंप सेट और 400 स्ट्रीट लाइट खरीद ली। इस आधार पर शिकायत को आंशिक रूप से सही पाया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन को पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है और दोषियों के खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।










